महिलाएं श्मशान में क्यों नहीं जातीं? जानिए इसके पीछे छिपे 10 कारण

PUSHPENDER KUMAR
Nov 22, 2024

संवेदनशीलता का कारण

महिलाओं को अधिक भावुक और संवेदनशील माना जाता है. श्मशान में होने वाले अंतिम संस्कार का दृश्य उनके लिए मानसिक रूप से बहुत पीड़ादायक हो सकता है.

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव

ऐसा माना जाता है कि श्मशान में नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां सक्रिय रहती हैं, जो महिलाओं को अधिक प्रभावित कर सकती हैं.

बालों से जुड़ी मान्यता

शास्त्रों के अनुसार नकारात्मक शक्तियां काले और लंबे बालों की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं.

मुंडन की परंपरा

श्मशान में अंतिम संस्कार के बाद मुंडन की परंपरा निभाई जाती है. महिलाओं का मुंडन शुभ नहीं माना जाता, इसलिए उन्हें वहां जाने से मना किया जाता है.

घर की सुरक्षा का कारण

अंतिम संस्कार के दौरान घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है. महिलाओं का घर पर रहना जरूरी माना गया है ताकि नकारात्मक शक्तियों का असर न हो.

शुद्धिकरण के नियम

श्मशान से लौटने के बाद पुरुष स्नान और शुद्धिकरण के बिना घर में प्रवेश नहीं करते. इस प्रक्रिया को पूरा करने तक महिलाएं घर की देखभाल करती हैं.

धार्मिक नियम

धर्मग्रंथों में महिलाओं को श्मशान घाट से दूर रखने के निर्देश हैं, जो सदियों से परंपराओं का हिस्सा बन गए हैं.

सुरक्षा का पहलू

पुराने समय में श्मशान घाट जंगलों या सुनसान इलाकों में होते थे. महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें वहां जाने से मना किया जाता था.

परिवार का संतुलन बनाए रखना

श्मशान जाने के दौरान परिवार के बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के लिए महिलाओं का घर पर रहना जरूरी समझा जाता है.

पौराणिक कथाएं

पुराणों में श्मशान को रहस्यमयी और शक्तियों से भरपूर स्थान माना गया है. महिलाओं को वहां जाने से दूर रखना इन्हीं मान्यताओं से जुड़ा है.

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