Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Row: कैसे विवादों में आया मुख्यमंत्री आवास और क्या है शीशमहल का मुद्दा, जानें पूरी टाइमलाइन
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Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Row: कैसे विवादों में आया मुख्यमंत्री आवास और क्या है शीशमहल का मुद्दा, जानें पूरी टाइमलाइन

Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Row: बीजेपी नेता और रोहिणी विधानसभा से विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर सीएम आवास की जांच शुरू की गई. गुप्ता ने कहा कि AAP सरकार ने दिल्ली में किसी को भी झुग्गी तक नहीं दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि 50,000 से ज्यादा फ्लैट्स बनकर तैयार हैं, लेकिन एक भी मकान किसी को नहीं दिया गया. 

Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Row: कैसे विवादों में आया मुख्यमंत्री आवास और क्या है शीशमहल का मुद्दा, जानें पूरी टाइमलाइन

Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कानूनी समस्याएं बढ़ सकती हैं. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए जिस बंगले का रिनोवेशन हुआ था, उसकी जांच के लिए सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने आदेश जारी किए. यह बंगला सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है और 2015 से अक्टूबर 2024 तक केजरीवाल का आधिकारिक निवास था. उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस बंगले को खाली कर दिया था. 

सीवीसी ने दिए जांच के आदेश
CVC ने 13 फरवरी को जांच का आदेश दिया, जब सीपीडब्ल्यूडी द्वारा एक फैक्ट रिपोर्ट पेश की गई. यह रिपोर्ट दर्शाती है कि 40,000 वर्ग गज में फैली इस भव्य हवेली के निर्माण के लिए भवन निर्माण मानदंड जारी किए गए थे. इस मामले में बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया और इस बंगले को 'शीशमहल' कहकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को घेरने का प्रयास किया. 

विजेंद्र गुप्ता की शिकायत
जांच के आदेश बीजेपी नेता और रोहिणी विधानसभा से विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर हुआ है. गुप्ता ने कहा कि AAP सरकार ने दिल्ली में किसी को भी झुग्गी तक नहीं दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि 50,000 से ज्यादा फ्लैट्स बनकर तैयार हैं, लेकिन एक भी मकान किसी को नहीं दिया गया. इसके बजाय, केजरीवाल ने अपने आवास को शीशमहल बना दिया. 

BJP ने उठाए AAP पर सवाल 
विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "दो मामले हैं: एक तो यह कि चार सरकारी संपत्तियों को मिलाकर एक सरकारी संपत्ति बना दी गई है. दूसरा, सौंदर्यीकरण करके अपने घर को शीशमहल बना दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि AAP इस मुद्दे से क्यों भाग रही है और उन्हें जवाब देना चाहिए. 

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क्या है आखिर मुख्यमंत्री आवास का मुद्दा
- बता दें कि विजेंद्र गुप्ता ने 21 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री के आवास (6, फ्लैग स्टाफ रोड) के नवीनीकरण और आंतरिक सजावट पर अत्यधिक खर्च को लेकर सीवीसी में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने आवास के लिए करोड़ों रुपये करदाताओं के धन से खर्च किए हैं.

- गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि लग्जरी वस्तुओं पर किए गए ये खर्च तार्किक सीमाओं से कहीं अधिक हैं और भ्रष्टाचार की गंभीर आशंका को जन्म देते हैं. उन्होंने CVC से मामले की गंभीरता को स्वीकार करने का आग्रह किया. 

- 5 नवंबर 2024 को CVC ने गुप्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया. CVC ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया. 

- 14 नवंबर 2024 को शिकायत को आधिकारिक रूप से CVO, CPWD को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया. CVO को आरोपों की जांच कर सतर्कता नियमों के अनुसार कार्रवाई करनी होती है. 

- 24 दिसंबर 2024 को प्रारंभिक जांच के बाद CVO, CPWD द्वारा CVC को एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी गई. इसके बाद 13 फरवरी 2025 को रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, CVC ने CPWD को मुख्यमंत्री के आवास के नवीनीकरण और लग्जरी सुविधाओं पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने की सलाह दी. 

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