Delhi CM 2025: एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट की घोषणा की जाएगी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हमारी चिंता करने के बजाय अपने संगठन पर ध्यान देना चाहिए.
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Atishi On Delhi CM Name: दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है. चुनावी नतीजों के 11 दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है, जिससे सत्तारूढ़ दल के भीतर मंथन और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस असमंजस के बीच कार्यवाहक पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सीधे सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए हैं.
राजनीतिक गतिरोध और नेतृत्व का सवाल
राजधानी की जनता ने हाल ही में चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया और सरकार बनाने के लिए एक नई पार्टी को मौका दिया. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है. जनता के मन में सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार सरकार का नेतृत्व कौन करेगा? विपक्षी दल इसे नेतृत्व की कमी बता रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दल का कहना है कि सही समय पर नाम घोषित कर दिया जाएगा.
चुनाव के नतीजों के 11 दिन बाद भी भाजपा के पास कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है। इसी वजह से बार बार विधायक दल की बैठक स्थगित की जा रही है।
बिल्कुल साफ़ है कि मोदी जी को अपने 48 विधायकों में से किसी पर भी भरोसा नहीं है… https://t.co/tkjnV0hPJl
— Atishi (@AtishiAAP) February 18, 2025
विपक्ष का हमला
कार्यवाहक पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस देरी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर 11 दिन बाद भी मुख्यमंत्री तय नहीं हो पाया है, तो यह साफ है कि पार्टी के अंदर सहमति नहीं बन पा रही है. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि नेतृत्व को लेकर अंदरूनी खींचतान चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता को स्थिर सरकार की जरूरत है, लेकिन मौजूदा हालात अनिश्चितता की ओर इशारा कर रहे हैं.
सत्ता पक्ष का पलटवार
वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने इस आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. एक वरिष्ठ नेता ने बयान जारी कर कहा कि हम जल्द ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट की घोषणा करेंगे. विपक्ष को हमारी चिंता करने के बजाय अपने संगठन को संभालना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जनता को एक स्थिर और मजबूत सरकार मिलेगी और विपक्ष बिना वजह इस मामले को तूल दे रहा है.
आगे की राह
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह देरी केवल रणनीतिक फैसला हो सकता है, लेकिन यह भी संभव है कि पार्टी के भीतर कई गुटों के बीच सहमति नहीं बन पा रही हो. जो भी हो, जनता यह देख रही है कि आखिरकार दिल्ली की सत्ता की कमान किसके हाथ में आएगी. आने वाले कुछ दिनों में यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा और किसके नेतृत्व में दिल्ली का राजनीतिक भविष्य आगे बढ़ेगा.
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