Chandigarh News: हरियाणा में सुरजमुखी की खरीद और अन्य मुद्दों को लेकर किसानों और कैबीनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर की मीटिंग हुई. इसमें कोई हल नहीं निकला तो मंत्री ने सीएम के सामने बात रखकर हल निकालने की बात कही.
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Chandigarh News: प्रदेश में सूरजमुखी की खरीद को लेकर कई जगह किसानों का विरोध देखा जा रहा है. किसानों का कहना है कि उन्हें सूरजमुखी पर एमएसपी नहीं मिल रही. इसलिए वे मांग कर रहे हैं कि सरकार की ओर से उन्हें एमएसपी दी जाए. इसको लेकर गुरनाम सिंह चढूनी और कई अन्य किसान नेताओं ने कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर के साथ बैठक की. बैठक के बाद कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई. सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई.
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उन्होंने कहा कि हालांकि इस बैठक में कोई हल नहीं निकला, लेकिन वे किसानों की मांगों को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे और जल्द ही इसका कोई न कोई हल निकाल लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसान नेताओं का कहना है कि फिलहाल उन्हें सूरजमुखी की फसल का सही रेट नहीं मिल रहा है. इसलिए हम हैफेड से भी अपील करेंगे कि हैफेड भी सूरजमुखी की फसल खरीदें ताकि किसानों को एमएसपी मिल सके. इसके अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा. भावांतर भरपाई योजना को लेकर उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को एमएसपी नहीं मिलती तब तक उन्हें भावांतर भरपाई योजना के तहत पैसा दिया जाएगा.
पहलवानों की मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मामले में सही जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि आरोपी कौन है. बिना जांच के इस मामले पर कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि जांच के बाद ही सब साफ हो पाएगा.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिए गए एसवाईएल (SYL) को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे. उस समय न तो एसवआईएल का कोई हल निकाला गया और न ही इसकी कोशिश की गई, लेकिन भाजपा सरकार एसवाईएल को लेकर गंभीर है. इसीलिए इसे हल करवाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों पर भी सवाल उठाया और कहा था कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भारी कमियां है. इसका जवाब देते हुए कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि स्कूलों में जो भी कमियां हैं. वह उनके संज्ञान में है और उन्हें दूर करने के लिए काम किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता है कि सभी स्कूलों में 6 मूलभूत सुविधाएं सबसे पहले होनी चाहिए, जैसे कि स्कूल का रास्ता, चारदीवारी, पीने का पानी, शौचालय, बिलजी, डेस्क इत्यादि. इसके लिए जिन स्कूलों को जरूरत हैं. उन्हें 25-25 लाख रुपये दिए जा रहे हैं. साथ ही भवन निर्माण के लिए भी 220 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए जा चुके हैं. हमें उम्मीद है कि इस साल सभी कमियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा.
किसानों ने दिया सरकार को अल्टीमेटम
वहीं शुक्रवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और अन्य किसान नेताओं ने सूरजमुखी की फसल पर एमएसपी की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर के साथ बैठक की.
बैठक के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि प्रदेश में किसानों को सूरजमुखी की फसल पर एमएसपी नहीं मिल रही है. इसलिए किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार ने भावांतर भरपाई योजना की घोषणा की है, लेकिन उसके बावजूद किसानों को नुकसान हो रहा है. हमारी मांग है कि सरकार किसानों से सीधे तौर पर सूरजमुखी की फसल खरीदें और किसानों को एमएसपी दें. बाद में सरकार इस फसल को जिस रेट पर चाहे उस रेट पर आगे बेच सकती है. चाहे सरकार खुद इस फसल का इस्तेमाल करें या किसी प्राइवेट कंपनी को बेचे, लेकिन हमें इस फसल पर सरकार से एमएसपी चाहिए. हमने सरकार को 6 जून तक का अल्टीमेटम दिया है. सरकार अगर 6 जून से पहले हम से बात कर इस मसले को सुलझा देते हैं तो ठीक है नहीं तो 6 जून से हमारा आंदोलन शुरू हो जाएगा.
मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को जारी किए गए मुआवजे को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो 181 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों के लिए जारी किया है. हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन बहुत से किसान ऐसे हैं. जिन्हें साल 2020-21 में खराब हुई फसल का मुआवजा अब तक नहीं मिला है, क्योंकि सरकार ने मुआवजा देने वाली बीमा कंपनियों के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की थी. बीमा के लिए दिए गए प्रीमियम को इकट्ठा कर बीमा कंपनियां उसका ब्याज खा रही है. इससे उन कंपनियों को फायदा हो रहा है, लेकिन किसानों को नुकसान हो रहा है.
Input: Vijay Rana