अब प्राइवेट कर्मचारी भी पेंशन ले सकेंगे. उसके लिए बस उन्हें 10 साल का कार्यकाल पूरा करना होगा. वहीं अगर किसी ने 2-3 जगह नौकरी करके 10 साल का कार्यकाल पूरा किया है तो क्या वो पेंशन ले सकेगा, यह जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें. इसके लिए नीचे पूरी जानकारी दी गई है.
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New Delhi News: प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए एक खुशखबरी है. बता दें कि ईपीएफओ (EPFO Rules) के नियमों के अनुसार अगर कोई भी कर्मचारी 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन का हकदार हो जाता है. प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी की सैलरी एक बड़ा हिस्सा PF के तौर पर कटता है, जो कि हर महीने कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जमा होता है. 10 साल नौकरी के बाद पेंशन का लाभ उठाने के लिए हर कर्मचारी को एक शर्त को पूरा करना होता है.
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बता दें कि नियम के अनुसार प्राइवेट कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12% हिस्सा हर महीने PF अकाउंट में जमा होता है. इसमें से कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है. वहीं नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और हर महीने 3.67% EPF योगदान में जाता है. कर्मचारी भविष्य - निधि संस्था (EPFO) के नियमों के अनुसार 10 साल तक नौकरी करने वाला कर्मचारी पेंशन का हकदार हो जाता है. इशके लिए बस एक ही शर्त है कि जॉब का कार्यकाल 10 साल पूरा होना चाहिए. अगर किसी कर्मचारी को 9 साल 6 महीने काम करते हुए हो गए तो वो भी 10 साल के बराबर काउंट किया जाएगा. वहीं अगर 9 साल 6 महीने से कम है तो उसे 9 साल ही गिना जाएगा. ऐसे में कर्मचारी पेंशन अकाउंट में से अपनी जमा राशि रिटायरमेंट की उम्र से पहले भी निकाल सकते हैं, क्योंकि वो पेंशन के लिए हकदार नहीं है.
नहीं बदलें UAN नंबर
वहीं अब कुछ लोगों का कहना है कि किसी ने अलग-अलग जगह नौकरी करके 10 साल पूरे किए हैं या फिर नौकरी के बीच में गैप है तो क्या उसको पेंशन मिलेगी. उनको बता दें कि उनको पेंशन मिलेगी. बस उस कर्मचारी ने नौकरी के साथ UAN नंबर न बदला हो. बता दें कि अगर कोई नौकरी बदलता है और अपना UAN नंबर पुराना वाला रखता है तो उसे पेंशन वाली योजना का फायदा जरूर मिलेगी. वहीं अगर UAN नंबर बदलता है तो वहीं जीरो से शुरुआत होगी. वहीं माना किसी कर्मचारी ने एक जगह 4 साल काम किया और किसी कारण के चलते वो नौकरी 1 या 2 साल के चलते छोड़ देता है. माना कि उसने 2 साल के लिए नौकरी छोड़ दी और दो साल बाद उसने दोबारा नौकरी की और PF अकाउंट में पुराना नंबर ही रखा तो उसमें उसके 4 साल जो काम किया है वो जुड़ जाएंगे. यानी कि दो साल का जो गैप है वो हटा दिया जाएगा. इसके बाद उस कर्मचारी को और 6 साल नौकरी करनी पड़ेगी, जिसके बाद वो पेंशन का हकदार होगा. फिर रिटायरमेंट के बाद हर महीने उस कर्मचारी को पेंशन मिल सकेगी.