Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब साइबर सुरक्षा और अन्य तकनीकी समस्याओं की रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए YAPL ने किंड्रिल कंपनी के साथ एक समझौता किया है.
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Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब साइबर सुरक्षा और अन्य तकनीकी समस्याओं की रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (YAPL) ने किंड्रिल कंपनी के साथ एक समझौता किया है. इस समझौते के तहत एयरपोर्ट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित ओपन इंटीग्रेशन प्लेटफॉर्म सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट की कार्यप्रणाली की निगरानी की जा सकेगी और किसी भी तकनीकी समस्या का समाधान तुरंत किया जा सकेगा. इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य 24 घंटे आईटी सहायता सुनिश्चित करना है, जिससे एयरपोर्ट की सभी तकनीकी सेवाएं सुचारु रूप से चल सकें.
सूत्रों के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली उड़ान अप्रैल में प्रस्तावित है और इस समय तक एयरपोर्ट पर सभी जरूरी मूलभूत सुविधाओं को पूरा किया जा रहा है. एयरपोर्ट में साइबर सुरक्षा, तकनीकी गड़बड़ियों और अन्य समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसके बाद एयरपोर्ट पर अलग-अलग सॉफ्टवेयर आधारित तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा, जिनमें सुरक्षा प्रणाली, फ्लाइट की ऑनलाइन निगरानी और कंप्यूटर सिस्टम की कार्यप्रणाली शामिल हैं.
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किंड्रिल कंपनी के माध्यम से एयरपोर्ट पर विशेष IT नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जो साइबर अपराधियों से सुरक्षा और तकनीकी समस्याओं को सही समय पर पहचानने और उनका समाधान करने के लिए सक्षम होगा. इसके तहत IT इंफ्रास्ट्रक्चर के ऑटोमेशन को तेज किया जाएगा और सिस्टम की रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. साइबर सुरक्षा सेवाएं इस नेटवर्क के जरिए लागू की जाएंगी, ताकि कोई भी सुरक्षा उल्लंघन न हो सके. यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए, एयरपोर्ट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से एक प्रभावी सिस्टम तैयार किया जाएगा, जो किसी भी तकनीकी समस्या को उसकी उत्पत्ति से पहले पहचान सकेगा और उसे बढ़ने से रोक सकेगा. इसके जरिए एयरपोर्ट की सभी आवश्यक सेवाओं की जानकारी एकत्र की जा सकेगी, ताकि यात्रा अनुभव को बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके. यापल के CEO क्रिस्टोफ नेलमैन ने कहा कि बेहतर IT नेटवर्क के जरिए हम विश्वस्तरीय यात्री सुविधा प्रदान करने में सक्षम होंगे. इस समझौते से एयरपोर्ट पर साइबर सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र तैयार होगा, जिससे विमानन सेवाओं के तकनीकी ढांचे को मजबूती मिलेगी.