Kalkaji Assembly Constituency: कालकाजी में विकास और बुनियादी सुविधाओं की कमी सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. यहां के लोग चुनाव के दौरान किए गए वादों पर सवाल उठा रहे हैं. पानी की सप्लाई, साफ-सफाई और सड़कों की मरम्मत जैसे मुद्दे हर चुनाव में चर्चा में रहते हैं, लेकिन इनका सही समाधान अभी तक नहीं हुआ है.
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नई दिल्ली : कालकाजी विधानसभा क्षेत्र जो कभी दिल्ली के पॉश इलाकों में गिना जाता था, आज सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है. हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में 21 झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर शामिल किए गए हैं, जिससे इस इलाके का सामाजिक स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. यह बदलाव स्थानीय राजनीति और चुनावी समीकरणों पर गहरी छाप डाल रहा है. यह क्षेत्र अपनी बहुसांस्कृतिक आबादी के लिए जाना जाता है. पंजाबी और सिख समुदाय के साथ-साथ यहां पूर्वांचल के लोगों की भी बड़ी संख्या है. हालांकि, झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर्स के आने से यहां की बुनियादी सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ गया है. ट्रैफिक जाम, कचरे की समस्या और स्वच्छता को लेकर स्थानीय निवासी खासे परेशान हैं.
राजनीतिक दृष्टि से देखें तो कालकाजी में विकास और बुनियादी सुविधाओं की कमी सबसे बड़े मुद्दे बन चुके हैं. यहां के मतदाता चुनावी वादों पर सवाल उठाने लगे हैं. जल आपूर्ति, स्वच्छता और सड़कों की मरम्मत जैसे मुद्दे हर चुनाव में चर्चा का केंद्र बनते हैं, लेकिन समाधान अधूरे ही रह जाते हैं. इससे जनता का भरोसा राजनीति और प्रशासन दोनों पर कम होता दिख रहा है. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त राशन योजना से गरीब तबके को कुछ राहत जरूर मिली है. इससे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है. लोग रोजगार के बेहतर अवसरों और बच्चों की शिक्षा के लिए ठोस कदमों की उम्मीद कर रहे हैं.
कालकाजी की राजनीति अब पहले जैसी नहीं रही. झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर्स के शामिल होने से यहां का मतदाता वर्ग और अधिक जटिल हो गया है. पारंपरिक मतदाता जो कभी पंजाबी-सिख समुदाय और उच्च मध्यम वर्ग तक सीमित थे, अब उनकी संख्या में झुग्गी बस्तियों के नए मतदाता जुड़ गए हैं. इससे राजनीतिक दलों को अपने अभियान और रणनीतियों में बदलाव करना पड़ रहा है. आने वाले चुनावों में कालकाजी की तस्वीर और अधिक दिलचस्प हो सकती है. सभी प्रमुख दल यहां के झुग्गी क्षेत्रों को लेकर योजनाएं बना रहे हैं, जबकि पारंपरिक मतदाता वर्ग को अपने साथ बनाए रखने की चुनौती भी उनके सामने है. ऐसे में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकता है.
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