सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भारत को बनायेंगे दुनिया का नं. 1 देश- सिसोदिया
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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भारत को बनायेंगे दुनिया का नं. 1 देश- सिसोदिया

7 से 8 साल पहले तक एक दौर था जब पेरेंट्स मजबूरी में अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले 8 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर-ट्रेनिंग और क्वालिटी एजुकेशन के क्षेत्र में शानदार काम हुए है और इसने पेरेंट्स के अंदर दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रति भरोसा बढ़ाने का काम किया है- सिसोदिया

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भारत को बनायेंगे दुनिया का नं. 1 देश- सिसोदिया

नई दिल्लीः उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय शकरपुर व राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय वेस्ट विनोद नगर में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर आज केजरीवाल सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे न केवल पढ़ाई में बल्कि उसके साथ-साथ हर क्षेत्र में अव्वल खड़े है और अपनी इसी प्रतिभा के दम पर ये बच्चे देश को नंबर.1 बनायेंगे.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार में आने के बाद शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना केजरीवाल सरकार की पहली प्राथमिकता थी और हमने इस दिशा में काम करते हुए अपने स्कूलों को शानदार और विश्वस्तरीय बनाया. हमारे शिक्षकों ने भी कड़ी मेहनत कर बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दी. इन सब की बदौलत बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला और और इस सब के दम पर जो स्कूल 7 साल पहले टेंट वाला स्कूल के नाम से जाने जाते थे वो आज टैलेंट वाला स्कूल बन चुके है.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि 7 से 8 साल पहले तक एक दौर था जब पेरेंट्स मजबूरी में अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले 8 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर-ट्रेनिंग और क्वालिटी एजुकेशन के क्षेत्र में शानदार काम हुए है और इसने पेरेंट्स के अंदर दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रति भरोसा बढ़ाने का काम किया है. पेरेंट्स अब ये समझने लगे है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों से आये बच्चों ने दाखिला लिया है.

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि आज दिल्ली सरकार के स्कूल क्वालिटी एजुकेशन व शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहे है, लेकिन हमारा लक्ष्य यहीं तक सीमित नहीं होना चाहिए. हमारा लक्ष्य ये होना चाहिए कि देश के सभी स्कूल इतना शानदार बने और उसमें पढाई का स्तर इतना हो कि ये विश्व के अव्वल स्कूलों में शामिल हो जाये और जब भी विश्व में टॉप स्कूलों का नाम लिया जाये तो उसमें दिल्ली और भारत के स्कूलों का नाम शामिल हो.

 

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