Delhi News: UP के बाद अब दिल्ली पहुंचा दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का सिलसिला, यहां शुरू हुआ काम
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Delhi News: UP के बाद अब दिल्ली पहुंचा दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का सिलसिला, यहां शुरू हुआ काम

उत्तर प्रदेश में नेम प्लेट विवाद काफी सुर्खियों में रहा था. अब दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मामला देश की राजधानी दिल्ली से सामने आया है.

Delhi News: UP के बाद अब दिल्ली पहुंचा दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का सिलसिला, यहां शुरू हुआ काम

Delhi News: उत्तर प्रदेश में नेम प्लेट विवाद काफी सुर्खियों में रहा था. अब दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मामला देश की राजधानी दिल्ली से सामने आया है. नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानों पर नेम प्लेट लगवाई गई, सब्जी मंडी में जो ठेले लगे हैं, उन सभी ठेलों पर विक्रेता का नाम, फोन नंबर और ठेला नंबर लगा दिया गया है. बीजेपी पार्षद अमित खरकड़ी ने नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानों पर नेम प्लेट लगवाई है. उनका कहना है कि अनआइडेंटिफाइड लोग यहां आ रहे थे, जिनके चलते यह फैसला लिया गया. जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी लग रहे थे, उसके बाद मंडी एसोसिएशन के सुझाव के बाद यह फैसला लिया गया. 

ठेला संचालक राजाराम का कहना है जहां हमारी जगह वहां हम ठेला लगा रहे हैं, कोई बाहर से आता है तो कम से कम वह नहीं लगा पाएगा. वहीं दूसरे ठेला संचालक असलम का कहना सब के यहां नेम प्लेट लग रही है, हमने भी लगवा ली है, लेकिन इसकी जरूरत क्या थी. पहले भी काम हो रहा था. एक दो लोग ऐसे भी आते हैं, जो नाम देखकर हट जाते हैं.

वहीं नजफगढ़ मंडी व्यापार मंडल संगठन अध्यक्ष संतोष राजपूत ने कहा कि सभी की सहमति से नाम प्लेट लगाई गई है. उत्तर प्रदेश में देखा था तभी यह आइडिया आया. बांग्लादेशी यहां पर थे, जब उनकी शिकायत की तो यहां से चले गए. उन्होंने कहा कि कोई अगर मना कर देगा तो नेम प्लेट नहीं लगाएंगे. हालांकि कोई मना नहीं कर रहा, सब लोग खुश हैं.

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नजफगढ़ से भाजपा के पार्षद और जोन चेयरमैन अमित खडखडी का दावा है कि ये कदम सुरक्षा की दृष्टि से लगाया गया है. उन्हें शिकायतें मिल रही थी कि मार्केट में कुछ रोहिंग्या और बंग्लादेशी अवैध रूप से काम कर रहे हैं. कई दिन से नजफगढ़ सब्जी और फल मंडी में शिकायत आ रही थी कि अंजान चेहरे रेहड़ी लगाने के लिए आ रहे हैं. जिन्हें स्थानीय मंडी एसोसिएशन जानती नहीं है. 

उन्होंने कहा कि हर रेहड़ी पर उनकी पहचान, फोन नंबर और रेडी नंबर लिखा जाए. ताकि पहचान के लिए सहूलियत हो सके. ऐसा न हो कि कोई घुसपैठिया, रोहिंग्या या बांग्लादेशी रेहड़ी पटरी को संचालित कर रहा है. उसको देखने के लिए मंडी एसोसिएशन से बातचीत की गई और आइडेंटिफिकेशन का काम खुद मंडी एसोसिएशन ने किया. हर रेहड़ी पर उनका नाम, फोन नंबर और उनका रेडी नंबर. साथ ही आधार कार्ड स्थानीय पुलिस को और MCD प्रशासन को सौंपी जाए. नेम प्लेट लगाने से ग्राहकों को भी पता रहेगा कि उन्होंने सामान कहां से लिया. अगर खराब होगा तो वापस भी कर सकेंगे. 

वहीं मंडी में पहुंच रहे लोगों का मानना है कि यह सही फैसला है.  मंडी में खरीददारी करने आए अमित दहिया का कहना है कि इसमें जो बेचने वाले लोग मिलावट करते यह अब मिलावट नहीं होगी, उसपर रोक लगेगी. यह सही फैसला है. 

INPUT: DAVESH KUMAR

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