Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, हवा में घुलता जा रहा है जहर
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Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, हवा में घुलता जा रहा है जहर

दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह भी 'बहुत खराब' श्रेणी में रही और राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में सांस की समस्या वाले रोगियों की संख्या में उछाल देखा गया.

Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, हवा में घुलता जा रहा है जहर

Delhi AQI: दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह भी 'बहुत खराब' श्रेणी में रही और राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में सांस की समस्या वाले रोगियों की संख्या में उछाल देखा गया. सोमवार सुबह भी दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में धुंध की मोटी परत छाई रही. 

खराब श्रेणी में प्रदूषण 
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR)-इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे तक राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता 349 दर्ज की गई, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आती है. SAFAR-India के आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह 9 बजे तक AQI श्री अरबिंदो मार्ग पर 206, अलीपुर में 358, आनंद विहार में 385, बुराड़ी क्रॉसिंग पर 356, द्वारका-सेक्टर 8 में 367, IGI एयरपोर्ट-T3 पर 338, लोधी रोड पर 307, मुंडका में 382 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 9 बजे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में AQI 315 था. अक्षरधाम के आस-पास के इलाके में धुंध की एक परत छाई हुई थी, जहां AQI 378 दर्ज किया गया, जिसे CPCB के अनुसार 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है.

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नदी प्रदूषण का स्तर भी बना हुआ है उच्च
आज सुबह कालिंदी कुंज में यमुना नदी में ज़हरीले झाग तैरते देखे गए , क्योंकि नदी में प्रदूषण का स्तर अभी भी उच्च बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब तक पहुंचने के साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि सांस की बीमारियों का कोई इतिहास न रखने वाले लोग भी सांस लेने की समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं. अपोलो अस्पताल में श्वसन संबंधी गंभीर देखभाल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. निखिल मोदी ने कहा कि नियमित रोगियों के अलावा, जिन लोगों को पहले कोई सांस संबंधी समस्या नहीं थी. उनमें भी नाक बहने, छींकने, खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं और उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही है. मेदांता अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट सर्जरी- चेस्ट ऑन्को सर्जरी एंड लंग ट्रांसप्लांटेशन के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा, "जब आप इस तरह की हवा में सांस लेते हैं, तो आपका गला घुट जाता है.

 सभी आईसीयू में अब हर तरह के निमोनिया के मरीज आ रहे हैं. आप बाल रोग विशेषज्ञों से बात करें, उनके क्लीनिक में बच्चों की भरमार है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है. किसी भी घर में जाएं, बच्चे खांस रहे हैं, वयस्क खांस रहे हैं. इसलिए यह वास्तव में लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है.स्कूलों का बंद होना और GRAP की सभी चीजें, मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं क्योंकि ये सभी अस्थायी घुटने के बल चलने वाली प्रतिक्रियाएं हैं.