आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है. 56 साल का यासीन मलिक अपनी बात मनवाने के लिए 22 जुलाई से भूख हड़ताल पर है. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर मंगलवार को उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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नई दिल्ली: आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक ने 22 जुलाई से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है. इसके बाद आतंकी यासीन मलिक की तबीयत बिगड़ गई, जिस कारण उसे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. यासीन मलिक टेटर फंडिंग केस में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है.
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आतंकी यासीन मलिक ने बताया कि उसका मामला विचाराधीन चल रहा है. उसके केस की सही से जांच नहीं की जा रही है. इसलिए वह भूख हड़ताल पर बैठा था. इसके बाद जेल के आला अधिकारियों ने यासीन मलिक से बात की थी और उससे भूख हड़ताल छोड़ने की अपील की थी लेकिन आतंकी यासीन मलिक ने जेल अधिकारियों की बात नहीं मानी. यासीन मलिक सरकारी एजेंसियों पर दबाव डालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है. जानकारी के अनुसार आतंकी यासीन मलिक के ब्लड प्रेशर बार-बार घट और बढ़ रहा था. इसके बाद मंगलवार को उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां भी यासीन ने डॉक्टरों को एक पत्र देकर कहा है कि वो अपना इलाज नहीं करवाना चाहता है. यासीन मलिक को तिहाड़ के जेल नंबर 7 में एकान्त कारावास में रखा गया है. भूख हड़ताल के बाद उसे जेल के मेडिकल वार्ड में रखा गया था जहां उसे निगरानी में रखा जा रहा था.
यासीन को टेरर फंडिंग केस में सजा हो चुकी है. इस पर भारत में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. प्रतिबंधित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का नेता यासीन मलिक जम्मू में रूबिया सईद अपहरण मामले में मौजूद रहने की मांग कर रहा था. इस केस में यासीन मलिक भी आरोपी भी है. इसके बाद सराकर ने उसकी ये मांग नहीं मानी तो वो भूख हड़ताल पर बैठ गया.
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