New Rule in Delhi : परिवहन विभाग ने पार्किंग की बढ़ती समस्या को देखते हुए जब्त वाहनों से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. यदि वाहन 7 दिनों के भीतर नहीं छुड़ाने पर उसे टोइंग सर्विस फीस का दोगुना अदा करना पड़ा है. जब्त वाहनों के लिए टो करने की फीस पहले की तरह 200 से 1500 रुपये के बीच रहेगी.
Trending Photos
Delhi Transport Department: दिल्ली के परिवहन विभाग ने हाल ही में पार्किंग और प्रबंधन नियमावली 2019 में जब्त वाहनों से संबंधित नियमों में बदलाव किया है. यह निर्णय तब लिया गया जब जब्त वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्क्रैपिंग की समस्या बढ़ने लगी. नए नियमों के तहत, यदि कोई वाहन मालिक अपने जब्त वाहन को निर्धारित समय में नहीं छुड़ाता है, तो उसे स्क्रैप कर दिया जाएगा या सार्वजनिक नीलामी के लिए रखा जाएगा.
90 दिनों के समय को घटाया गया
नए नियमों के अनुसार, जब्त वाहनों को छुड़ाने के लिए पहले 90 दिनों का समय दिया जाता था, जिसे अब घटाकर 30 दिन कर दिया गया है. इसके बाद वाहन मालिक को 7 दिनों का नोटिस दिया जाएगा. यदि इस अवधि के भीतर भी वाहन नहीं छुड़ाया गया, तो उसे नीलामी या स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा.
7 दिनों के भीतर नहीं छुड़ाने पर शुल्क दोगुना
जब्त वाहनों के लिए टॉइंग सेवा शुल्क पहले की तरह 200 से 1500 रुपये के बीच रहेगा, लेकिन यदि वाहन 7 दिनों के भीतर नहीं छुड़ाया गया, तो शुल्क दोगुना हो जाएगा. यह शुल्क वाहन की श्रेणी पर निर्भर करेगा.
दिल्ली में अवैध पार्किंग गंभीर समस्या
दिल्ली में अवैध पार्किंग एक गंभीर समस्या बन चुकी है. सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों को जब्त करने का अधिकार परिवहन विभाग को है. हाल के वर्षों में, जब्त किए गए वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे पार्किंग की स्थिति और भी खराब हो गई है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में धर्मसभा आयोजन के चलते इन रास्तों पर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी
नए नियमों के तहत समय सीमा को घटाया गया
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई लोग जब्त सार्वजनिक परिवहन या मालवाहक वाहनों को छुड़ाने नहीं आते हैं, जबकि उनके पास तीन माह का समय होता है. इस समस्या को देखते हुए, नए नियमों के तहत समय सीमा को घटाया गया है,
वाहन स्क्रैप या सार्वजनिक नीलामी के लिए भेज दिया जाएगा
यदि वाहन मालिक 30 दिनों के भीतर अपने वाहन को नहीं छुड़ाता है, तो उसे 7 दिनों का अंतिम नोटिस दिया जाएगा. इसके बाद, यदि वाहन का मालिक कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो उसका वाहन स्क्रैप या सार्वजनिक नीलामी के लिए भेज दिया जाएगा