दो दिन पहले गाजियाबाद में एक गैंगरेप का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि कोई रेप नहीं हुआ है महिला को सोची समझी साजिश थी. यह पूरी घटना स्क्रिप्टेड थी.
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Ghaziabad Rape Case: गाजियाबाद में निर्भया कांड की तरह हुए रेप में एक अलग मोड़ सामने आया है. इसमें पुलिस ने बताया है कि युवती के साथ कोई रेप नहीं हुआ है. उसने ये सब अपनी प्रॉपर्टी पर कब्जा पाने के लिए किया है.
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बता दें कि 18 अक्टूबर को सूबह 3 बजे के करीब एक महिला बोरे में बंद मिली थी. इसके बाद महिला ने पुलिस को बताया कि उससे 5 लोगों ने रेप किया है और प्राइवेट पार्ट में रॉड भी डाली है. लोगों ने इस केस की तुलना निर्भया कांड से की. वहीं पुलिस की कार्रवाई में पता चला कि जो महिला बता रही है वैसा कुछ हुआ ही नहीं.
बता दें कि दिल्ली में महिला की 53 लाख की एक प्रॉपर्टी है, जिस पर वो कब्जा पाना चाहती थी. इसके लिए उसने ये सब षड्यंत्र रचा. महिला ने कब्जा पाने के लिए दूसरे पक्ष पर रेप के आरोप लगवा दिए. मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने महिला के दोस्त आजाद सहित गौरव शर्मा और अफजल को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पूछताछ के दौरान आजाद ने बताया कि 16 अक्टूबर को महिला का अपहरण नहीं हुआ था. बल्कि वो अपने भाई की पार्टी से सीधा अपने फ्लैट पर चली गई थी. उसने बच्चे अपनी बहन के घर पर छोड़ दिए थे. अपनी बहन को भी इस प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया था. आजाद ने बताया कि महिला 16, 17 और 18 अक्टूबर तक फ्लैट के अंदर ही बंद रही थी. इसके बाद 18 अक्टूबर को आजाद, गौरव और अफजल ने महिला को घर से लिया और प्लान के अनुसार उसे सड़क किनारे डाल दिया.
वहीं आजाद ने बताया कि प्लान में प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसा कुछ नहीं था, जब हमने महिला को पुलिस ने सड़क से उठाया था तब उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड नहीं थी. इसके बाद शायद उसने ऐसा गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल से GTB हॉस्पिटल रेफर होने के दौरान रास्ते में किया होगा. आयरन की जो नुकीली वस्तु मिली है, पुलिस ने उसे परीक्षण के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा है.
आजाद और महिला नर्स कई साल से संपर्क में हैं. जिस मकान पर विवाद है वो महिला को आजाद ने ही दिलवाया था. इस मकान को समीना नाम की महिला से खरीदा था. इसके बाद फरवरी 2022 में मकान की पॉवर ऑफ अटॉर्नी महिला मर्स के नाम करा दी. नर्स का कहना था कि रजिस्ट्री उसके नाम पर है, लेकिन दूसरा पक्ष कब्जा नहीं होने दे रहा. कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली में इसे लेकर वाद दायर है, जिस पर फैसला होना बाकी है.
वहीं नर्स ने एमएमजी जिला अस्पताल में उपचार कराने से मना किया. मेरठ रेफर किया तो वहां जाने से मना किया. दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद की. वह वहां पहले काम कर चुकी थी. इससे पुलिस को शक हुआ और इस पहलू को रखकर झानबीन शुरू की.
पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
वहीं महिला के भाई ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरोपी पक्ष ने पुलिस को पैसे दिए हैं. इसके बाद पुलिस ने यह मामला पलटा है. महिला के भाई ने बताया कि आजाद उसकी बहन का दोस्त नहीं है. प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त के नाते ही वो आजाद को जानती है. उसने कहा कि इस केस में सच सामने आना अभी बाकि है.