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Gurugram News: गुरुग्राम में डीएलएफ और कृष्णा चौक के आसपास अवैध निर्माणों पर बड़े ऐक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने डीएलएफ के मकानों में नक्शे और कब्जा प्रमाणपत्र के उल्लंघन पर कार्रवाई शुरू कर दी है. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके और अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाया जा सके.
2401 मकानों की दीवारों पर कारण बताओ नोटिस
शुक्रवार को डीएलएफ फेज-दो, तीन, चार और पांच में 2401 मकानों की दीवारों पर कारण बताओ नोटिस चस्पा किए गए हैं. मकान मालिकों को जवाब देने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है. यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर रिस्टोरेशन आदेश जारी किए जाएंगे, जिससे इन मकानों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के साथ इन्हें सील किया जाएगा. नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के डीटीपीई अमित मधोलिया ने बताया कि डीएलएफ फेज-दो में 618, फेज-तीन में 1737, फेज-चार में 20 और फेज-पांच में 20 मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इन मकानों के बाहर नोटिस चस्पा करने के लिए छह टीमों का गठन किया गया था. इन टीमों ने अवैध निर्माण की पहचान की है, जिसमें से 50 प्रतिशत मकानों में अवैध निर्माण हुआ है.
300 मकानों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध
डीएलएफ फेज-दो में 300 मकानों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगेगा. पिछले महीने इन मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर रिस्टोरेशन आदेश पारित कर दिए गए हैं. मकान मालिकों को आदेश दिया गया है कि वे सात दिन के अंदर मंजूर नक्शे और कब्जा प्रमाण पत्र के अनुसार अपने मकान को सही करें. गुरुग्राम में डीएलएफ के पांचों फेज में करीब 14 हजार मकान हैं, जिनमें से 5 हजार से अधिक मकानों में नियमों का उल्लंघन है. ृगुरुवार को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को इन मकानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं.
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अवैध निर्माणों को हटाने की योजना
वहीं, गुरुग्राम के पालम विहार रोड स्थित कृष्णा चौक के सौंदर्याकरण के लिए अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा. गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने इस चौक पर सरकारी जमीन की पैमाइश राजस्व विभाग से करवाई थी. इस प्रक्रिया से अवैध निर्माणों को हटाने की योजना बनाई गई है. राजस्व विभाग की हालिया जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 1929 वर्ग गज सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है. इसमें 1144 वर्ग गज भूमि पर स्थायी और अस्थायी दुकानों का निर्माण किया गया है, जबकि 573 वर्ग गज जमीन पर एक वैवाहिक समारोह स्थल का मालिक कब्जा जमाए हुए है. इसके अतिरिक्त, 212 गज जमीन एक बिल्डर के नियंत्रण में है.
जीएमडीए की मोबिलिटी शाखा ने इस चौक के डिजाइन का कार्य एक गैरसरकारी संस्था को सौंपते हुए डीटीपीई कार्यालय से अवैध निर्माण को जमींदोज करने का आग्रह किया है. शीतला माता रोड से रेजांगला चौक की ओर जाने वाली सड़क पर यह चौराहा स्थित है. यहां पर रोजाना लगभग 80 हजार वाहन गुजरते हैं, जिससे यातायात की समस्या बढ़ जाती है. सुबह और शाम के समय इस चौराहे को पार करने में 15 से 20 मिनट का समय लग जाता है. पिछले साल जीएमडीए ने चौराहे को दुरुस्त करने के लिए बाईं ओर मुड़ने के लिए एक स्लिप रोड बनाई थी, लेकिन भूमि की कमी के कारण केवल एक लेन की स्लिप रोड ही बन सकी. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यातायात पुलिस ने इस चौराहे को फिर से विकसित करने की मांग की थी. सरकारी जमीन की पैमाइश के दौरान यह पाया गया कि चौराहे के चारों ओर की जमीन मौजूद है, लेकिन सभी जगह कब्जा है. आरएस बाठ, डीटीपीई, जीएमडीए ने कहा कि कृष्णा चौक को यातायात के लिए दुरुस्त करना आवश्यक है और अवैध निर्माण को जमींदोज किया जाएगा.