Haryana News: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने मंगलवार को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है. किसान एमएसपी की मांग कर रहे हैं और किसानों से दो साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसपी का वादा किया गया था. उसको लेकर ही केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं.
उन्होंने कहा की एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी किसानों को कुचलने की तैयारी कर रही है. किसानों ने तीन काले कानूनों के खिलाफ लंबा संघर्ष किया था. अब एमएसपी की लड़ाई है. जैसे जब टमाटर मार्केट में आता है तो 50 पैसे प्रति किलो रेट होता है, जबकि जब सीजन चला जाता है तो 150 रुपये किलो तक रेट हो जाता है. किसान कर्जदार होकर आत्महत्या कर रहे हैं. इसलिए किसानों को एमएसपी मिलना ही चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में अबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे निहत्थे किसानों पर रबड़ की गोली चलवा रही है, आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. एक पत्रकार भी इस दौरान रबड़ की गोली लगने से घायल हो गया. वहीं किसानों पर लाठीचार्ज के आदेश दे दिए गए हैं. पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से दिल्ली आने वाले सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं. मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 2 साल पहले भी कंटीले तार बिछाए थे, लाठियां भांजी गई थी और उनके रास्ते में सीमेंट के बैरिकेड लगाए गए थे.
उन्होंने कहा की केंद्र सरकार को किसानों की एमएसपी की मांग को मानना ही पड़ेगा. किसान दिन प्रतिदिन कर्ज के बोझ के नीचे दबता जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसपी की गारंटी को लाने के लिए कानून बनाने का वादा किया था. अब समय उसको लेकर बातचीत करने का नहीं बल्कि किसान हित में एमएसपी को लेकर कानून बनाने का है.
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वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि किसान की मांगों का सरकारों को भी पता है. किसानों की दो प्रमुख मांगों में पहली मांग एमएसपी कानून की गारंटी है. मोदी सरकार ने दो साल पहले विश्वास दिलाया था कि एमएसपी कानून को लागू करेंगे. दूसरी मांग कर्ज माफी की थी. मोदी सरकार ने कुछ 100 बिजनेसमैन का 13 लाख करोड़ रुपये माफ किया था तो 16 करोड़ किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया जाता. पहले भी एक साल से ज्यादा तक सड़क पर किसान बैठे थे. आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है. आम आदमी पार्टी तन मन धन से किसानों की सेवा करने का काम करेगी.
उन्होंने कहा 11 फरवरी को एचसीएस प्री की परीक्षा संपन्न हुई है. अंबाला में 11 हजार 184 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, इनमें से 4432 परीक्षा देने पहुंचे. 60 प्रतिशत परीक्षार्थी एचसीएस का एग्जाम देने के लिए जा ही नहीं पाए.इस परीक्षा में 121 पदों के लिए 87 हजार आवेदन आए थे. इनमें से 50 हजार परीक्षा देने नहीं जा सके. वहीं अनेक कारणों से लोगों को आवाजाही करनी पड़ती है. रास्ते बंद करके सरकार ने आम जनता की मुसीबतें ही बढ़ाने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि हर किसी में अरविंद केजरीवाल जितना जिगरा नहीं होता, इस बार भी किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के बवाना में स्टेडियम को जेल बनाने के केंद्र सरकार के प्रपोजल को दिल्ली सरकार ने ठुकरा दिया है. चाहे पद चला जाए, जान चली जाए. स्टेडियम को जेल नहीं बनने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा अन्नदाता बंजर जमीन से भी सोना उगाने का मादा रखते हैं ये सरकार की गीदड़ भभकियों से नहीं डरते. किसानों की मजबूत आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचनी और सालों से चली आ रही किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए.