करनाल के बेटे का कमाल, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल कर किया प्रदेश का नाम रोशन
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करनाल के बेटे का कमाल, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल कर किया प्रदेश का नाम रोशन

करनाल के परमवीर को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिली है, अब वो कनाडा से बी.बी.ए की पढ़ाई करेंगे. परमवीर ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है. 

करनाल के बेटे का कमाल, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल कर किया प्रदेश का नाम रोशन

करनाल: यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल करके करनाल के परमवीर ने प्रदेश के साथ देश का नाम भी रोशन किया है. अब परमवीर कनाडा  से बी.बी.ए की पढ़ाई करेंगे. रैंकिंग में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो कनाडा में पहले और विश्व में 17वें नंबर पर है. परमवीर ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है. 

बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहे हैं परमवीर 
परमवीर बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज रहे हैं. निजी स्कूल में अपनी पढ़ाई करते हुए उन्होंने 10वीं में 92 प्रतिशत और 12वीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. परमवीर को फुटबॉल खेलना अधिक पसंद है और अब महज 18 साल की उम्र में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में प्रवेश लेने जा रहे हैं. कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर दी जाने वाली लेस्टर बी पियरसन स्कालरशिप के लिए विश्व के 37 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है. इसमें हरियाणा के करनाल से केवल परमवीर का चयन हुआ है. 

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सैट परीक्षा में विश्व के टॉप-1 प्रतिशत छात्रों में शामिल
परमवीर ने सैट परीक्षा में 1600 में से 1530 अंक प्राप्त किए थे, स्कॉलरशिप के लिए उनके खेल, सामाजिक कार्यों में प्रदर्शन को सैट परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन किया गया है. 

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परमवीर का समाज सेवा में भी विशेष योगदान रहा है, कोरोना काल में सेवा कार्य के अलावा बाल शोषण व नशाखोरी के खिलाफ उनके द्वारा 22 घंटे लंबे वैबिनार का भी आयोजन किया था. जिसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन में शामिल किया गया है. इनके पिता प्रीतपाल सिंह पन्नू की भी एक सामाजिक संस्था है, जिसके माध्यम से वो समाज सेवा का कार्य करते हैं. अपने पिता से प्रभावित होकर ही परमवीर ने समाज सेवा शुरू की. वैबिनार का विश्व रिकॉर्ड, समाजसेवा, खेल में प्रदर्शन और सैट परीक्षा के अंकों का मदद से उन्हें स्कॉलरशिप हासिल हुई. 

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