हिसार शहर के क्रांतिमान पार्क के पास करीब 158 साल पुराने सेंट थामस चर्च में श्रद्धालुओं ने कैंडल जलाकर प्रभु यीशु के समक्ष अपनी श्रद्धा व्यक्त की और मन्नत मांगी. सुबह से ही क्रिसमस के अवसर पर ऐतिहासिक सेंट थॉमस चर्च में ईसाई समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी.
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Hisar Christmas Celebration: हिसार शहर के क्रांतिमान पार्क के पास करीब 158 साल पुराने सेंट थामस चर्च में श्रद्धालुओं ने कैंडल जलाकर प्रभु यीशु के समक्ष अपनी श्रद्धा व्यक्त की और मन्नत मांगी. सुबह से ही क्रिसमस के अवसर पर ऐतिहासिक सेंट थॉमस चर्च में ईसाई समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. चर्च के पादरी आईपी मन ने भगवान यीशु का संदेश पढ़ा और बाद प्रार्थना शुरू हुई.
पूर्वजों की कब्र पर मोमबत्ती लगाकर की प्रार्थना
क्रिसमस के दिन सेंट थॉमस चर्च में हिसार के अलावा आसपास के जिलों के काफी संख्या में लोग पूजा करने के लिए पहुंचे. इसी दौरान ईसाई समुदाय के लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्र पर मोमबत्ती लगाकर और फूल चढ़ाकर प्रार्थना करते नजर आए. इस मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर क्रिसमस की शुभकामनाएं दी.
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वर्ष 1860 में हुआ चर्च का निर्माण
बता दें कि क्रांतिमान पार्क से 29 मई 1857 को हिसार में क्रांति का बिगुल बजा. हिसार के क्रांतिकारियों ने यहीं से हिसार में क्रांति की शुरुआत की थी. क्रांतिकारी मोहम्मद आजम, शाहबाद बेग, गुरबक्श सिंह और रुकूदीन मौलवी के नेतृत्व उन्होंने तत्कालीन डीसी बेडरबर्न व तहसीलदार थॉमसन को मारा था. क्रांति के दौरान मारे गए अंग्रेजों की याद में क्रांतिकारी पार्क में स्मारक बनाया गया, जिसपर उनके नाम अंकित है.
4500 रुपये की लागत से बनकर 1864 में तैयार हुआ सेंट थॉमस चर्च
हिसार चर्च का निर्माण 3 दिसंबर 1860 को शुरू हुआ और करीब 4500 रुपये की लागत से मई 1864 में निर्माण पूरा हुआ. सेंट थॉमस चर्च कॉम्प्लेक्स का मुख्य हॉल 1325 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है. भगवान यीशु के शिष्य सेंट थॉमस के नाम पर हिसार चर्च का नाम रखा गया. चर्च निर्माण की बाद से ही यहां पर ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना करने आते हैं.