इन तरीकों की मदद से मिनटों में लगा सकते हैं सीलन का पता, जानें कैसे
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इन तरीकों की मदद से मिनटों में लगा सकते हैं सीलन का पता, जानें कैसे

 सीलन की वजह से दीवारों पर नमी आती है और फिर बैक्टीरिया, जिससे कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. इसकी वजह से दीवारों से बदबू भी आने लगती है. कुछ टिप्स की मदद से आप सीलन का पता करके उसे दूर कर सकते हैं. 

इन तरीकों की मदद से मिनटों में लगा सकते हैं सीलन का पता, जानें कैसे

नई दिल्ली: बारिश के मौसम में कई लोगों को घरों में सीलन की समस्या का सामना करना पड़ता है. सीलन की वजह से दीवारों पर नमी आती है और फिर बैक्टीरिया, जिससे कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. सीलन की वजह से दीवारों से बदबू भी आने लगती है. आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए सीलन के तरीकों को पता करने और उसे दूर करने के कुछ टिप्स लेकर आएं है. जिससे आप अपने घर को सीलन से बचा सकते हैं. 

सीलन का सोर्स पता लगाने के तरीके

1. नील से
कपड़ों में इस्तेमाल होने वाले नील के द्वारा दीवार में लगे पाइप की लीकेज से आई सीलन के सोर्स का पता आसानी से लगाया जा सकता है. इसके लिए आप पानी की टंकी में नील मिला दें और घर के सारे नल खोल दें, जिससे पानी निकल जाए. अगर पाइप में लीकेज होगी, तो वहां से निकला नील का पानी दीवार को नीला कर देगा. इससे आसानी से सीलन के सही सोर्स का पता लग जाएगा. 

2. मॉइश्चर मीटर से
सीलन के सोर्स का सही तरह से पता नहीं चल पाने पर मॉइश्चर मीटर का इस्तेमाल किया जाता है. इस मीटर को दीवार की उन जगहों पर लगाया जाता है, जहां से सीलन आने की संभावना हो. मॉइश्चर मीटर का इस्तेमाल सिर्फ एक्सपर्ट करते हैं और इसकी रीडिंग के आधार पर सीलन को खत्म करने का समाधान भी बता देते हैं. 

3. थर्मल इमेजिंग से
थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल ज्यादातर कमर्शियल जगहों या बड़े बंगलों के लिए किया जाता है. बड़ी जगह होने के कारण यहां साधारण तरीके से सीलन के सोर्स का पता लगाना मुश्किल होता है. थर्मल इमेजिंग में सीलन के आसपास की जगह की थर्मल इमेज ली जाती है, जिससे सीलन के सोर्स का पता लग जाता है. 

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अलग-अलग तरह की सीलन को रोकने के तरीके

1. पाइप से आई सीलन
अगर आपके घर में आई सीलन की वजह पाइप की लीकेज है, तो इस सीलन को रोकने के लिए आप पाइप को ठीक कर लें या पाइप को बदल दें. घर में जब भी दीवार के अंदर पानी की पाइप की फिटिंग कराएं, तो फिटिंग करने वाले से पाइप का नक्शा जरूर रख लें, जिससे पाइप लाइन और पाइप के जॉइंट की सही जगह पता चल सके. ऐसा करने से दीवार में बहुत ज्यादा तोड़फोड़ नहीं करनी पड़ेगी. अगर आपके घर में गीजर है,  तो CPVC पाइप लगवाएं. ये पाइप 100 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकती है. बाकी जगह में आप  PVC पाइप का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

2. दरारों से आई सीलन
फर्श और दीवार जहां से जुड़े होते हैं अगर वहां कोई क्रैक है तो उस जगह को थोड़ा-सा तोड़ना पड़ता है. फिर क्रैक में वॉटरप्रूफ मटेरियल की मदद से उसे भर दिया जाता है. इसके बाद फिर सीमेंट और रेत के मिश्रण में दूसरे प्रकार का वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड मिलाया जाता है और इससे वहां प्लास्टर कर दिया जाता है. ऐसा करमे से सीलन खत्म हो जाती है. 

अगर दीवार से श्योरा आ रहा है तो इसे दूर करने के लिए मार्केट में कई तरह के केमिकल आते हैं. इसके लिए अगर दीवार पर प्लास्टर है, तो सबसे पहले प्लास्टर निकाल दें. फिर केमिकल को पानी में मिलाकर दीवार पर स्प्रे करें. श्योरा खत्म करने के लिए इमली और पानी का घोल भी कारगर है. 

अगर घर के आसपास नदी, तालाब या पानी का कोई दूसरा सोर्स है, तो इससे आई नमी को दूर करना मुश्किल होता है. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. 

3. बारिश से आई सीलन
अगर ड्रेनेज पाइप के लीक होने की वजह से सीलन आ रही है तो ड्रेनेज पाइप को ठीक करें. इसके लिए आप पाइप बदल सकते है. 

अगर सीलन बाहरी दीवार पर पानी गिरने की वजह से आ रही है तो उस दीवार की वॉटरप्रूफिंग करानी होगी. इसके लिए सबसे पहले उस दीवार के प्लास्टर को हटा दें और  फिर वॉटरप्रूफिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें. जब दीवार तैयार हो जाए, तो प्लास्टर के बाद वॉटरप्रूफ पेंट करा दें. 

अगर छत में क्रैक या छत और दीवार के बीच में गैप होने से सीलन आ रही है, तो उसमें सीलेंट डालकर वॉटरप्रूफिंग कर दें. आप मार्केट की दूसरी तकनीकों की मदद से भी  छत को वॉटरप्रूफ बना सकते है. जिससे सीलन नहीं आएगी. 

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