Ajay Yadav Resign: मैं कोई संत नहीं, कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन अजय यादव बोले-दो साल से किया जा रहा था परेशान
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Ajay Yadav Resign: मैं कोई संत नहीं, कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन अजय यादव बोले-दो साल से किया जा रहा था परेशान

Haryana News: कैप्टन ने पोस्ट किया- मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अपना इस्तीफा स्वीकार किए जाने का इंतजार कर रहा हूं और उसके बाद मीडिया से मिलकर पिछले 2 वर्षों में कुछ नेताओं द्वारा मुझे परेशान किए  जाने के बारे में अपना पक्ष रखूंगा. 

Ajay Yadav Resign: मैं कोई संत नहीं, कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन अजय यादव बोले-दो साल से किया जा रहा था परेशान

Captain Ajay Yadav Resignation: हरियाणा में अपने साथ हो रहे खराब व्यवहार से दुखी पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. गुरुवार शाम उन्होंने एक्स पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. 1991 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार रेवाड़ी विधानसभा सीट से विधायक रहे अजय यादव का इस्तीफा अभी पार्टी हाईकमान ने स्वीकार नहीं किया है. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि वह कोई संत नहीं बल्कि, पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हैं.

कैप्टन अजय सिंह यादव बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के समधी हैं. उन्होंने शुक्रवार सुबह एक्स पर एक के बाद एक पोस्ट किए. उन्होंने लिखा- मैं संत नहीं हूं और एक पूर्णकालिक राजनेता हूं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मेरा इस्तीफा स्वीकार करने के बाद मैं अपनी भविष्य की रणनीति तय करूंगा। उन्होंने ये भी कहा, मेरे राजनीतिक करियर को छोटा करने के लिए कुछ नेताओं द्वारा किए गए कार्यों और बाधाओं के बारे में बताऊंगा. 

कैप्टन ने पोस्ट किया- मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अपना इस्तीफा स्वीकार किए जाने का इंतजार कर रहा हूं और उसके बाद मीडिया से मिलकर  पिछले 2 वर्षों में कुछ नेताओं द्वारा मुझे परेशान किए जाने के बारे में अपना पक्ष रखूंगा. 

सोनिया के अध्यक्ष पद से हटने के बाद बिगड़ी स्थिति 

गुरुवार को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में ओबीसी मोर्चा के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे कैप्टन अजय यादव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों को छोड़ने का ऐलान कर दिया.एक्स पर उन्होंने लिखा, इस्तीफा देने का यह फैसला वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्ष पुराना नाता रहा है. मेरे दिवंगत पिता राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ बुरा व्यवहार किया गया. इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है. इस बार रेवाड़ी सीट से कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव से 28769 वोटों से हार गए थे.