ISIS Terror Module Case: NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि रेलवे का क्लर्क फर्जी मेडिकल बिल के जरिए ISIS टेरर मॉड्यूल को फंडिंग करता था. रेलवे ने भी आरोपी क्लर्क के खिलाफ शिकायत दर्ज की है.
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ISIS Terror Module Case: ISIS मॉड्यूल केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ मे बड़े खुलासे किए हैं, जिसके बाद नॉर्थन रेलवे का एक क्लर्क NIA की रडार पर है. क्लर्क पर फर्जी मेडिकल बिल के जरिए ISIS टेरर मॉड्यूल को फंडिंग करने का आरोप है. फिलहाल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और NIA की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अक्टूबर महीने में NIA के वांटेड शहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ में रेलवे क्लर्क के बारे में खुलासा हुआ है. बाद में ये केस NIA को ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसके बाद NIA ने महाराष्ट्र के ठाणे से 15 लोगों को किया गिरफ्तार किया. जांच में एनआईए को पता चला कि गिरफ्तार हुए कुछ आरोपियों के अकाउंट में रेलवे का क्लर्क पैसे ट्रांसफर करता था.
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पूछताछ के पहले क्लर्क फरार
नोएडा में रहने वाले नॉर्थन रेलवे के क्लर्क को पुलिस पूछताछ के लिए बुलाती उससे पहले ही वह फरार हो गया. वहीं आरोपी रेलवे क्लर्क के खिलाफ रेलवे ने भी फर्जी बिल दाखिल करके फ्रॉड करने की शिकायत दिल्ली पुलिस को दी है. हालांकि, उसमें टेरर लिंक का कोई जिक्र नहीं है.
जुलाई में गिरफ्तारी के बाद फरार
18 जुलाई को पुणे में टू-व्हीलर चुराने के मामले में पुणे पुलिस ने शाहनवाज और मध्यप्रदेश से मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया था, लेकिन पूछताछ के लिए ले जाने के दौरान शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया. 02 अक्टूबर को शाहनवाज को पुलिस ने जैतपुर से पकड़ा गया था, इस दौरान उसके पास से केमिकल पदार्थ और IED बनाने में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल भी बरामद हुआ.
ISIS के इस मॉड्यूल का सरगना है 63 साल का साकिब नचान है, जिसे अलग अलग टेरर मॉड्यूल में शामिल होने की वजह से दो बार सजा भी हो चुकी है.सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार, इस टेरर मॉड्यूल के निशाने पर कई बड़े वीआईपी, हिन्दू नेता और धार्मिक स्थल थे.