Kanjhawala Case: पीड़िता के परिवार को 10 लाख का मुआवजा, CM बोले बड़े से बड़ा वकील करेंगे खड़ा
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Kanjhawala Case: पीड़िता के परिवार को 10 लाख का मुआवजा, CM बोले बड़े से बड़ा वकील करेंगे खड़ा

केजरीवाल सरकार की तरफ से परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. बच्ची की मां के इलाज से लेकर आर्थिक मदद दी जाएगी. सीएम ने प्रॉसीक्यूशन विभाग को कह दिया है कि दिल्ली का सबसे बढ़िया क्रिमिनल लॉयर उस लड़की को दिया जाएगा, ताकि पुलिस की अगर कुछ कमियां भी हों तो उनसे भी पार पा सकें- सौरभ भारद्वाज

Kanjhawala Case: पीड़िता के परिवार को 10 लाख का मुआवजा, CM बोले बड़े से बड़ा वकील करेंगे खड़ा

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने आज पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है. मामले में आरोपियों को बचाने वाले DCP समेत पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि इस घटना के आरोपी भाजपा से जुड़े हैं. दिल्ली पुलिस भाजपा के दवाब में आए बिना आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे. इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि कंझावला कांड आरोपी के भाजपा नेता होने की वजह से उप राज्यपाल और दिल्ली पुलिस उसे बचाने में जुटे हैं. एलजी के पास सीएम अरविंद केजरीवाल के काम रोकने के लिए 24 घंटे हैं, लेकिन दिल्ली की महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए दिन में एक मिनट भी नहीं हैं. दिल्ली के लोगों को चिंता है कि उनके घर की महिलाएं-बेटियां अपने घरों से बाहर कैसे निकलें. इस प्रकार की हिंसा किसी भी महिला के साथ हो सकती है.

उन्होंने कहा कि ऐसा दरिंदगी भरा अपराध होता है तो लगता है कि पूरा पुलिस विभाग ऊपर से नीचे तक आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है. आरोपियों के साथ-साथ मामले को कमजोर करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाए, ताकि आगे पुलिस वालों में भी डर रहे कि अगर वह कानून व्यवस्था कायम नहीं रखेंगे तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि अपनी जांच के बाद दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे. उम्मीद है कि उनके यह खोखले शब्द नहीं हैं.

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पुलिस बड़ी बात छुपाते हुए बयान दे रही है कि इस घटना से जुड़ी हुई पहली कॉल 3:22 पर आई थी. उसके भाई ने हादसे की PCR कंप्लेन 112 नंबर पर रात को 2:18 पर की है. पुलिस कमिश्नर को पूछा कि क्या यह सही है कि पहली PCR कॉल आप जो बता रहे थे, उससे भी 1 घंटे पहले की है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पुलिस आयुक्त दिल्ली के लोगों को बताएं कि किन दोषी पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करेंगे और किन लापरवाह पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करेंगे.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की तरफ से इस परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. बच्ची की मां के इलाज से लेकर आर्थिक मदद दी जाएगी. पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवज़ा देंगे. सीएम ने प्रॉसीक्यूशन विभाग को कह दिया है कि दिल्ली का सबसे बढ़िया क्रिमिनल लॉयर उस लड़की को दिया जाएगा, ताकि पुलिस की अगर कुछ कमियां भी हों तो उनसे भी पार पा सकें. पुलिस अधिकारियों ने मृतक बच्ची की एफआईआर को कमजोर किया है. उससे जुड़ी FIR को 15 घंटे तक डिले किया और पोस्टमार्टम को 36 घंटे तक लेट किया.

उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि लोकल पुलिस मामले को दबाने का हर संभव प्रयास कर रही थी. FIR को कमजोर कर रही थी और आरोपियों की वकालत कर रही थी. इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती, कुलदीप कुमार, प्रमिला टोकस, संजीव झा, दिनेश मोहनिया, अब्दुल रहमान सहित अन्य मौजूद रहे. आम आदमी पार्टी के विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने कंझावला कांड में पुलिस आयुक्त से मुलाकात की. दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों से आए 12 विधायकों ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा.

दिल्ली के लोगों की मांग रखने के लिए हम आए आगे

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने इस संबंध में कहा कि दिल्ली के लोगों की मांगे रखने के लिए हम गए थे. दिल्ली के लोगों को चिंता है कि उनके घर की महिलाएं-बेटियां अपने घरों से बाहर कैसे निकलें, जब इस प्रकार की हिंसा किसी भी महिला के साथ हो सकती है. जब ऐसा दरिंदगी भरा अपराध होता है तो लगता है कि पूरा पुलिस विभाग ऊपर से नीचे तक आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है. भले वह पुलिस अधिकारी हो, जिसकी लापरवाही से 12 किलोमीटर तक बेटी घिसटती हुई चली गई, लेकिन किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया.

विधायक आतिशी ने कहा कि उनकी मांगे सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि वह अभी अपनी जांच कर रहे हैं. इसमें जो भी पुलिस अधिकारी लापरवाही के दोषी पाए जाएंगे या जिन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई है और आरोपियों का जिन्होंने बचाव किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस कमिश्नर की यह खोखले शब्द नहीं है. क्योंकि आज यह मुद्दा गरम है। पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए क्योंकि दिल्ली की जनता की यही मांग है.

विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. बच्ची की मां को किडनी की बीमारी है. उनकी भी मदद की जाएगी और आर्थिक मदद भी की जाएगी. इसके अलावा सीएम ने प्रॉसीक्यूशन विभाग को कह दिया है कि दिल्ली का सबसे बढ़िया क्रिमिनल लॉयर उस लड़की को दिया जाएगा, ताकि पुलिस की अगर कुछ कमियां भी हो तो उनसे भी पार पा सकें, लेकिन अगर एक बार एफआईआर को कमजोर कर दिया जाए तो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कोई भी ठीक नहीं कर सकता है.

उन्होंने कहा कि यह काम उन पुलिस अधिकारियों ने किया है मृतक बच्ची की एफआईआर को इस तरह से कमजोर किया.  उससे जुड़ी एफआईआर को 15 घंटे तक डिले किया, जबकि पोस्टमार्टम को 36 घंटे से ज्यादा देर तक लेट किया. इसका कोई जवाब भी नहीं है कि इतनी लचर एफआईआर क्यों की गई और क्यों पोस्टमार्टम को डिले किया गया. क्यों उस बच्ची की मां से बॉड़ी की शिनाख्त नहीं कराई गई. क्यों बच्ची के परिवार को अंधेरे में रखा गया. इससे एक इंडिकेशन साफ है कि लोकल पुलिस मामले को दबाने का हर संभव प्रयास कर रही थी. एफआईआर को कमजोर कर रही थी और आरोपियों की वकालत कर रही थी.

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