पाकिस्तान में वायु प्रदूषण की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है. पंजाब, पेशावर, मुल्तान और खैबर पख्तूनख्वा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 2000 के खतरनाक स्तर को पार कर गया है. यह स्थिति न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन गई है. पिछले महीने, 19.1 लाख से अधिक लोग सांस की बीमारियों के कारण अस्पतालों में भर्ती हुए.
राज्य की पर्यावरण संरक्षण मंत्री मरियम औरंगजेब ने हालात की तुलना कोविड-19 के दौर से की है. उन्होंने कहा कि स्मॉग अब जानलेवा हो चुका है और राज्य सरकार लोगों की जिंदगी बचाने के लिए कठोर कदम उठाने को तैयार है. इस संदर्भ में, लाहौर और मुल्तान में तीन दिन के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है.
ARY News की रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम नवाज (Maryam Nawaz) सरकार की सीनियर मंत्री मरियम औरंगजेब ने बताया कि अगले शुक्रवार से लाहौर और मुल्तान में लॉकडाउन लागू होगा. यह लॉकडाउन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को रहेगा. इसके बाद सोमवार से बुधवार तक स्मॉग की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. यदि प्रदूषण का स्तर नहीं सुधरता है, तो लॉकडाउन को बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है.
इसके साथ ही, 16 नवंबर से लाहौर और मुल्तान में सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है. इसके अलावा, मोटरसाइकिल और ऑटो रिक्शा से निकलने वाले धुएं के लिए नए रेगुलेशन लागू करने की योजना भी बनाई जा रही है.
मरियम औरंगजेब ने हाल ही में बताया कि प्रदूषण के कारण एक सप्ताह में लगभग 6 लाख लोग सांस की बीमारियों से प्रभावित हुए हैं. इनमें से 65,000 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. इस स्थिति को देखते हुए पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं और OPD की टाइमिंग्स को रात 8 बजे तक बढ़ा दिया गया है.