विराट कोहली के टेस्ट करियर की शुरुआत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं रही थी. विराट कोहली अपने करियर की शुरुआती पांच पारियों में एक भी अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाए थे. इसके साथ ही उन्हें अपने करियर में पहला शतक जड़ने के लिए 15 पारियों का इंतजार करना पड़ा था. लेकिन इसके बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2011-2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम का हिस्सा विराट कोहली थे. उनके पहले दो टेस्ट मैच की खास नहीं गए थे. लेकिन उसके बाद विराट ने पर्थ में खेली गई 75 रनों की पारी और एडिलेड में शतक लगाकर साबित कर दिया कि वह क्या कर सकते हैं.
जब-जब किसी बड़े टूर्नामेंट की बात आती है तो विराट का बल्ला आग उगलता है. उन्होंने कई बार एकतरफा अपनी टीम को जीत दिलाई है. लेकिन इस साल खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अगर फाइनल मुकाबला छोड़ दे तो पूरे वर्ल्ड कप विराट के बल्ले से रन नहीं निकले. विराट कोहली लीग मैच में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. लेकिन विराट बड़े मैच का खिलाड़ी ऐसे ही नहीं कहा जाता . विराट ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में कमाल की पारी खेली और अपनी टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की.
विराट कोहली के क्रिकेट करियर में 2020 से 2023 तक सबसे खराब दौर रहा. इस समट विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने के लिए तरसते नजर आए. करीब तीन साल वे शतक लगाने में नाकाम रहे. इस दौरान उनके बल्ले से कई अच्छी पारियां निकली, लेकिन ये उसे सेंचुरी में तब्दील नहीं कर पाए. लेकिन विराट ने इस मुश्किल समय को भी पीछे छोड़ा और पहले एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ पहला टी20 इंटरनेशनल शतक जड़ा और उसके बाद भारत में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में खेली गई कमाल की पारियों से अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचने में मदद की.
साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौर पर विराट कोहली ने संघर्ष किया. वह तीन मैचों में कुल 46 रन ही बना सके. हालांकि इसके बाद उन्होंने शानदार कमबैक किया और श्रीलंका के दौरे पर पहली पारी में फ्लॉप होने के बाद दूसरी पारी में शतक जड़ा. इस दौरान विराट ने अपने बल्ले से एक और कमबैक की कहानी लिख डाली.
साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में विराट कोहली बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे. उनका बल्ला पूरी तरह से खामोश रहा. लेकिन उसके बाद विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर एक के बाद एक दो शतक लगाकर वापसी की. विराट ने दिसंबर से जनवरी तक खेली गई चार मैचों की सीरीज में चार शतक लगाकर फिर बता दिया कि उन्हें किंग क्यों कहा जाता है.