Lok Sabha Security Breach: संसद सुरक्षा चूक मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें बताया है कि सुरक्षा जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटी बनाई गई हैं. वहीं स्पीकर ने सांसदों के निलंबन को मुद्दे को इससे अलग बताया.
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Lok Sabha Security Breach: संसद पर हमले की 22वीं बरसी के दिन एक बार फिर संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया. विजिटर्स गैलरी से दो लोगों ने लोकसभा में कूदकर स्मोग स्प्रे छोड़ा. इस पूरे मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अब इस पूरे मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें बताया है कि सुरक्षा जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटी बनाई गई हैं. वहीं स्पीकर ने सांसदों के निलंबन को मुद्दे को इससे अलग बताया
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी है. लोकसभा में सभी सांसदों को बताया गया है कि सुरक्षा जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटी बनाई गई हैं. एक कमेटी जो घटना हुई है उसकी जांच रिपोर्ट देगी जो जल्दी ही संसद के भीतर पेश की जाएगी. दूसरी एंपावर्ड कमेटी है जो संसद की सुरक्षा में सुधार को लेकर मंथन करेगी.
Lok Sabha Speaker Om Birla writes to all the MPs over Parliament security breach matter.
The letter reads, "...A high-level inquiry committee has been constituted for an in-depth investigation of the incident...I have also constituted a High Powered Committee which will review… pic.twitter.com/hYnhuDIEqD
— ANI (@ANI) December 16, 2023
सांसदों के निलंबन पर बोले लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 13 सांसदों के निलंबन पर कहा कि उनका संसद की सुरक्षा चूक मामले से कोई लेना-देना नहीं है. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि विपक्ष ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहा है जैसे 13 दिसंबर की घटना के चलते विपक्ष के सांसदों को निलंबित किया गया है, जबकि संसद की प्रक्रिया और नियम कानून न मानने के चलते इनको निलंबित किया गया है. सांसद सदन में पोस्टर लेकर आए थे और उनके द्वारा सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से नहीं चलने दिया गया, जिसकी वजह से उनको निलंबित किया गया.
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13 दिसंबर को संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक मामले के बाद 14 दिसंबर को कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया. इसके बाद 13 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. सदन से निलंबन के बाद निलंबित सांसदों ने गांधी जी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन भी किया और अपने निलंबन को विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश बताया था.