Delhi Election 2025: भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने शराब घोटाले को सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले शराब नीति बनाई, फिर उसे वापस ले लिया और अब उसे सही ठहराने की कोशिश कर रही है.
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Delhi Vidhan Sabha Election: दिल्ली की राजनीति में घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों का दौर तेज हो गया है. एक ओर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर भाजपा इसे जनता के सामने बेनकाब करने का दावा कर रही है. गुरुवार को भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस और आप एक-दूसरे की सच्चाई उजागर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता के सामने अब साफ हो गया है कि दोनों पार्टियां झूठ बोल रही हैं. कुछ महीने पहले तक जो एक-दूसरे को बचाने में लगे थे, अब वही एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने शराब घोटाले को सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया था और केजरीवाल पर निशाना साधा था. त्रिवेदी ने कहा कि शराब घोटाले में सरकार ने पहले नीति बनाई, फिर उसे वापस लिया और अब उसे सही ठहराने में लगी है. उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल हेराल्ड केस कांग्रेस के आंतरिक भ्रष्टाचार को उजागर करता है. इसी बीच, केजरीवाल ने भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और पूछा कि यदि भाजपा सच में भ्रष्टाचार के खिलाफ है, तो नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए झूठे केस बनाती है.
इसके अलावा सुधांशु त्रिवेदी ने यमुना नदी की सफाई को लेकर भी केजरीवाल पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये की राशि यमुना की सफाई के लिए दी थी, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं किया गया. उन्होंने केजरीवाल पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच भी कभी नदियों में जहर मिलाने का आरोप नहीं लगा, लेकिन दिल्ली सरकार हरियाणा पर ऐसे आरोप लगा रही है. साथ ही दिल्ली की जनता अब असमंजस में है कि आखिर सच क्या है. क्या दोनों दल एक-दूसरे को गलत साबित करने में जुटे हैं या जनता को असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश हो रही है. चुनाव नजदीक आते ही यह आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने की संभावना है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस सबके बीच दिल्ली के नागरिकों को उनकी बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी.
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