LG vs Kejriwal Government: केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को AAP ने लोकतंत्र की हत्या बताया है, वहीं BJP इस फैसले पर खुश नजर आ रही है. सांसद रमेश बिधूड़ी ने केंद्र के इस फैसले को नियमों का हवाला देते हुए सही बताया है.
Trending Photos
LG vs Kejriwal Government: राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार और LG के बीच चल रहे विवाद में SC ने अहम फैसला सुनाते हुए अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था. जिस पर केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. शुक्रवार रात केंद्र सरकार की तरफ से अध्यादेश जारी किया गया, जिसके अनुसार केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) का गठन करेगी. यह प्राधिकरण ही दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगी.
केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को AAP ने लोकतंत्र की हत्या बताया है, वहीं BJP इस फैसले पर खुश नजर आ रही है. सांसद रमेश बिधूड़ी ने केंद्र के इस फैसले को नियमों का हवाला देते हुए सही बताया है. इसके साथ ही CM पर सचिव के साथ मारपीट सहित कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में आने के बाद दिल्ली सरकार, लगातार अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कर रही थी. वहीं BJP सांसद ने CM केजरीवाल पर सचिव से मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि CM केजरीवाल ने सचिव के साथ मारपीट की. यही नहीं AAP सिर्फ अधिकारियों को परेशान और बेइज्जत करना चाहती है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ये अध्यादेश लेकर आई है. ये फैसला नियम के अनुसार सही है.
अध्यादेश के तहत राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के गठन की बात कही गई है. अध्यादेश कहता है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का काम राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) देखेगा. दिल्ली के CM इस प्राधिकरण के प्रमुख होंगे और दिल्ली के प्रधान गृह सचिव इसके सचिव होंगे. दिल्ली के मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव प्राधिकरण के सचिव होंगे. अब ट्रांसफर-पोस्टिंग का फैसला अकेले CM नहीं कर सकेंगे.
वहीं केंद्र के इस अध्यादेश पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि सिविल सेवा प्राधिकरण में सरकार अल्पमत में होगी और अधिकारी का फैसला बहुमत से तय कर लिया जाएगा. ये भी कहा गया है कि अगर किसी फैसले पर LG को आपत्ति होती है तो उसे बदल भी सकते है. इस अध्यादेश का मतलब ये है कि दिल्ली की जनता भले ही केजरीवाल को कितनी भी ज्यादा सीटें दें, लेकिन सरकार तो LG या केंद्र सरकार ही चलाएगी.
SC के फैसले और केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद दिल्ली की AAP सरकार और LG के बीच एक बार फिर अधिकार की जंग शुरू हो गई है. ऐसे में अब देखना होगा कि इस बार फैसला किसके हक में आएगा.
Input- Hari Kishor Sah