Delhi News: AAP सरकार के मोहल्ला क्लिनिक होंगे 'खत्म', इस मंदिर के नाम से जाने जाएंगे
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Delhi News: AAP सरकार के मोहल्ला क्लिनिक होंगे 'खत्म', इस मंदिर के नाम से जाने जाएंगे

Ayushman Bharat Health Insurance Scheme: केंद्र सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक में भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीरता से लिया है. जनवरी में उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने फर्जी जांच रिपोर्ट के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया था. अब नए स्वास्थ्य मंत्री से यह पूछा गया है कि क्या इन क्लिनिकों को 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' में बदला जा सकता है या नहीं.

 

Delhi News: AAP सरकार के मोहल्ला क्लिनिक होंगे 'खत्म', इस मंदिर के नाम से जानें जाएंगे

Ayushman Arogya Mandirs: दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मोहल्ला क्लिनिकों को 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' में बदलने की योजना पर विचार शुरू कर दिया है. इस फैसले से राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही 51 लाख लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने की योजना बनाई जा रही है, जो देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का हिस्सा बनेंगे.

स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव
मोहल्ला क्लिनिक, जिन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए शुरू किया था, अब एक नए अवतार में आ सकते हैं. केंद्र सरकार की योजना के तहत इन क्लिनिकों को 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा. इस बदलाव से गैर-संक्रामक बीमारियों जैसे कैंसर की जांच, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की स्क्रीनिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

भ्रष्टाचार पर शिकंजा
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक में भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीरता से लिया है. जनवरी में उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने फर्जी डायग्नोस्टिक टेस्ट के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था. अब, नए स्वास्थ्य मंत्री से रिपोर्ट मांगी गई है कि क्या इन क्लिनिकों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बदला जा सकता है या नहीं.

51 लाख लोगों को मिलेगा स्वास्थ्य सुरक्षा कवच
इस योजना का सबसे अहम पहलू है 51 लाख लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड जारी करना. इन कार्डों के जरिए पात्र परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा. दिल्ली, जो अब तक इस योजना में शामिल नहीं हुई थी, अब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

राजनीतिक दृष्टिकोण बनें मोहल्ला क्लिनिक
इस फैसले से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है. आम आदमी पार्टी ने इसे अपनी स्वास्थ्य नीतियों में हस्तक्षेप बताया है, जबकि भाजपा इसे गरीबों के लिए ऐतिहासिक पहल मान रही है. आने वाले चुनावों में यह मुद्दा मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय रहेगा. क्या दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक 'आरोग्य मंदिर' में बदलकर जनता का विश्वास जीत पाएंगे? यह आने वाला वक्त बताएगा.

मोहल्ला क्लीनिक का धर्म से कोई लेना-देना नहीं
दिल्ली के जामा मस्जिद में स्थित मोहल्ला क्लीनिक को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों का कहना है कि सरकार जो भी नाम रखे, वह ठीक है. जो भी बदलाव होंगे, वह आने वाली सरकार करेगी. हालांकि, कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया है. उनका मानना है कि जो पहले से बना हुआ है, उसे वैसा ही रहने देना चाहिए. लोगों का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक का धर्म से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. यहां लोग इलाज के लिए आते हैं, न कि धर्म को लेकर. शाहीन बाग के मोहल्ला क्लीनिक में भी मरीजों से बात की गई. वहां लोगों ने कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, जरूरत है सुविधाएं बढ़ाने की. उनका मानना है कि यह सब राजनीति का हिस्सा है. फिलहाल, मोहल्ला क्लीनिक अच्छी तरह काम कर रहे हैं और लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं.

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