Mahashivratri 2023: छोटी काशी के नाम से जाना जाता है भिवानी, भक्तों का आस्था का प्रतीक है भोलेनाथ का ये मंदिर
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Mahashivratri 2023: छोटी काशी के नाम से जाना जाता है भिवानी, भक्तों का आस्था का प्रतीक है भोलेनाथ का ये मंदिर

Mahashivratri 2023: शिव भक्तों का आस्था का प्रतीक भोलेनाथ सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के बारे में जिक्र करते हुए महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि भगवान शिव की अराधना नित नियम से, तन-मन से की जाती है.

Mahashivratri 2023: छोटी काशी के नाम से जाना जाता है भिवानी, भक्तों का आस्था का प्रतीक है भोलेनाथ का ये मंदिर

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देशभर में 18 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा. छोटी कांशी भिवानी में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर खासी चहल-पहल देखने को मिलेगी. देवो के देव महादेव भगवान शिव से जुड़े इस त्यौहार को लेकर छोटी कांशी भिवानी के लोगों में भी बड़ी श्रद्धा है. भक्तजन हरिद्वार से कावड़ लेकर आज भिवानी पहुंचे हैं.

हरिद्वार से कावड़ लेकर भक्तजनों ने बताया कि आज हम कावड़ लेकर भिवानी पहुंचे हैं. हमें काफी खुशी महसूस हो रही है. शिव भक्तों का आस्था का प्रतीक भोलेनाथ सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के बारे में जिक्र करते हुए महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि भगवान शिव की अराधना नित नियम से, तन-मन से की जाती है.

भगवान शिव की पूजा विधि

संसार में भगवान शिव के आदि-अनादि रूप की पूजा चरणामृत से की जाती है. चरणामृत में दूध, दही, घी, शक्कर, शहद पांच पदार्थो का प्रयोग होता है. श्रद्धाभाव से चरणामृत से शिवलिंग का मृदन किया जाता है. उसके बाद बेलपत्र, धूपा व ओउम नमो: शिवाय मंत्र से धूप-दीप के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. वही भिवानी निवासी मेहुल सर्राफ ने बताया कि भगवान शिव हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण करते है. शिवरात्रि के पर्व पर देशभर में भगवान शिव को जलाभिषेक किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है.

(इनपुटः नवीन शर्मा)

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