Makar Sankranti 2025: आचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति हो रही है और सूर्य के राशि परिवर्तन करने के साथ सूर्य उत्तरायण हो जाएगा. जिससे वह 6 महीने तक वह उत्तरायण दिशा में ही रहेंगे.
Trending Photos
Makar Sankranti 2025: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत ही खास महत्व होता है. मकर संक्रांति सूर्य देव से जुड़ी हुई होती है, क्योंकि साल के 12 महीने सूर्यदेव 12 राशियों में गोचर करते हैं. जिस दिन सूर्य देव मकर राशि में गोचर करते हैं उसे दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विधि-विधान है और स्नान करने के बाद दान करने का भी बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने से सूर्य 6 महीने के लिए उत्तरायण हो जाते हैं और यहां पर खरमास की समाप्ति मानी जाती है, जिसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.
मकर संक्रांति 2025 तारीख और महत्व
कुरुक्षेत्र निवासी साधु राम नारायण दास आचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विधि विधान होता है. इस बार मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी को सुबह 8:41 पर सूर्य देव की राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर संक्रांति 14 तारीख के दिन ही मनाई जाएगी.
मकर संक्रांति स्नान दान शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने उपरांत दान करने का महत्व होता है. इसलिए पुण्य और दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 से शुरू होकर रात 10: 48 तक रहेगा.
ये भी पढ़ें: Delhi-NCR Weather: दिल्ली एनसीआर में अगले 2 दिन बारिश का अलर्ट जारी, जानें नया अपडेट
मकर संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति
आचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति हो रही है और सूर्य के राशि परिवर्तन करने के साथ सूर्य उत्तरायण हो जाएगा. जिससे वह 6 महीने तक वह उत्तरायण दिशा में ही रहेंगे. इस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. मकर संक्रांति से गृह प्रवेश, सगाई, विवाह, मुंडन अन्य सभी प्रकार के मांगलिक काम शुरू हो जाएंगे.
मकर संक्रांति पर स्नान दान महत्व
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. प्रयागराज, हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, ब्रह्मसरोवर समेत पवित्र स्थान पर स्नान करने से सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं. इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है. मकर संक्रांति के दिन तिल, मूंगफली, अनाज और गुड़ का दान करना चाहिए. इसके साथ-साथ गर्म वस्त्रों का भी दान करना चाहिए.
INPUT: DARSHAN KAIT