घाटे में चल रही तेल कंपनियों को मोदी सरकार 20,000 करोड़ देने पर विचार कर रही है. अगर सब कुछ सही रहा और मोदी सरकार से तेल कंपनियों को राहत मिल गई तो देशवासियों को तेल और गैस की महंगाई से राहत मिल सकती है.
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नई दिल्ली: देश में दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने बढ़ती महंगाई से जनता को राहत देने का मास्टर प्लान तैयार किया है. पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि तेल कंपनियों को गैस सिलेंडर और पेट्रोल पर घाटा नहीं हो रहा है. अब उन्हें डीजल की बिक्री पर घाटा सहना पड़ रहा है. लेकिन मोदी सरकार ने इस मास्टर प्लान से घरेलू सिलेंडर के दामों में गिरावट आ सकती है.
तेल कंपनियों को 20,000 करोड़ देगी सरकार
मोदी सरकार तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई करने और लोगों को महंगाई से मुक्ति दिलाने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) जैसे सरकारी फ्यूल रिटेलर्स को 20,000 करोड़ रुपये देने पर विचार कर रही है. ऐसा करके सरकार, फ्यूल रिटेलर्स को हुए घाटे की भरपाई करने की कोशिश कर रही है. मोदी सरकार के इस कदम से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें भी कम हो सकती हैं. अभी दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर 1053 रुपये पर मिल रहा है. यह अब तक सबसे ऊंचे दाम हैं.
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पेट्रोल-डीजल के दामों पर होगी लगाम
दरअसल, सरकार की कोशिश घरेलू गैस के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को भी काबू में करना चाहती है. इन मामलों के जानकार बताते हैं कि सरकारी तेल कंपनियों को इंटरनेशनल प्राइस पर क्रूड खरीदना पड़ता है और प्राइस-सेंसिटिव मार्केट में इसकी बिक्री करनी पड़ती है. दूसरी तरफ निजी कंपनियों के पास स्ट्रॉन्गर फ्यूल एक्सपोर्ट मार्केट को टैप करने की सहूलियत है. जिससे तेल के दामों में बेतहाशा वृद्धि होती है, लेकिन सरकार के इस कदम से आम जनता को राहत मिल सकती है, क्योंकि तेल कंपनियों का सरकार पैसे देने पर विचार कर रही है. आपको बता दें कि फिलहाल सरकारी फ्यूल रिटेलर्स, संयुक्त रूप से देश की जरूरत का 90 प्रतिशत से ज्यादा पेट्रोलियम फ्यूल सप्लाई करते हैं.
ऑयल मिनिस्ट्री ने 28000 करोड़ रुपये मांगे
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऑयल मिनिस्ट्री ने कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए 28000 करोड़ रुपये का कॉम्पन्सैशन मांगा है, लेकिन, वित्त मंत्रालय 20000 करोड़ रुपये का कैश पेआउट करने के पक्ष में है. हालांकि इस मामले पर कोई भी अंतिम निर्णय सरकार की ओर से नहीं लिया गया है, लेकिन निकट भविष्य में संभावना है कि ऐसा होगा.
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देश में रोजाना बढ़ते तेल के दामों से जनता त्रस्त है. गैस के पिछले तीन-चार वर्षों में दूने हो गए हैं. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत पिछले 7 महीने के निचले स्तर है. डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 87.58 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 93.78 डॉलर प्रति बैरल पर बिक रहा है. क्रूड की कीमत कम होने से भी तेल कंपनियों को हो रहे घाटे में कमी आई है. वहीं मोदी सरकार के राहत पैकेज से भी उनको सहूलियत मिल सकती है.