महाशिवरात्रि इस साल 18 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन भोलेनाथ को खुश करने के लिए आप यमुना किनारे स्थित नीली छतरी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं. मान्यता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण ने शादी की थी.
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Mahashivratri 2023: दिल्ली के यमुना किनारे स्थित प्राचीन नीली छतरी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव का यह मंदिर द्वापर युग से स्थापित है. मान्यता है कि यहां पांडवों ने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी. वहीं पूजा अर्चना के बाद ही उन्होंने अपनी राजधानी इंद्रप्रस्थ के लिए प्रस्थान किया था.
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बता दें कि दिल्ली के यमुना किनारे स्थित प्राचीन नीली छतरी के मंदिर के बारे में एक और कथा काफी प्रचलित है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण की आठवीं पत्नी यमुना से इसी मंदिर में भगवान शिव के सामने शादी की थी.
आखिर इसका नाम नीली छतरी मंदिर क्यों पड़ा
यमुना किनारे स्थित नीली छतरी प्राचीन शिव मंदिर करीब 5500 साल पुराना है. इस छतरी के ऊपरी भाग पर नीलम जड़े हुए थे. जब चंद्रमा की रोशनी इस पर पढ़ती थी तो आकाश पूरा नीला हो जाता था और इसलिए सबसे इसका नाम नीली छतरी का मंदिर पड़ गया है. इस मंदिर के ऊपरी हिस्से के नीलम को मुस्लिम आक्रमणकारियों ने निकाल लिया था.
पांडवकालीन यह प्राचीन शिव नीली छतरी का मंदिर के बारे में श्रद्धालुओं की मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन करने यहां पर जो भी भक्तजन आते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर 24 घंटे रुद्राभिषेक निरंतर चलता रहता है. भक्त के कई पीढ़ियों से आकर यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. भक्त हर रोज यहा भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं. इस मंदिर की रखरखाव का जिम्मा महंत मनीष शर्मा के ऊपर है. उनका कहना है कि लगातार कई पीढ़ियों से प्राचीन शिव मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं.
Input: Sanjeev Kumar Verma