सिख कैदियों की रिहाई के लिए Tilak Nagar Metro Station के नीचे प्रोटेस्ट, रिहाई न मिलने को बताया सियासत
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सिख कैदियों की रिहाई के लिए Tilak Nagar Metro Station के नीचे प्रोटेस्ट, रिहाई न मिलने को बताया सियासत


तिहाड़ जेल में बंद सिख कैदियों की सजा पूरी होने के बाद भी रिहाई नहीं मिली है. इसी को देखते हुए तिलक नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया 

 

सिख कैदियों की रिहाई के लिए Tilak Nagar Metro Station के नीचे प्रोटेस्ट, रिहाई न मिलने को बताया सियासत

नई दिल्ली: दिल्ली के तिहाड़ जेल में बन्द सिख कैदी जिनकी सजा पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद भी सियासी कारणों से उन्हें जेल से रिहाई नही मिल रही है. ऐसे में सिख बंदियों की रिहाई के लिए सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा ने मोती नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे जोरदार प्रोटेस्ट किया. हाथों में तख्ती लिए इन लोगों ने सिख कैदियों की रिहाई नहीं मिलने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए है. 

इन लोगों का कहना है कि जब बिलकिस बानो के बलात्कारियों और राजीव गांधी के हत्यारों को सजा पूरी करने के बाद रिहाई मिल सकती है, तो सिख कैदियों के साथ भेदभाव क्यों. मोर्चा की अगुवाई में काफी संख्या में सिख समाज के लोगों शामिल थे जिसमें बड़े बुजुर्ग भी थे. प्रदर्शकारियों ने मोती नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे प्रोटेस्ट किया. यह बताया कि जिस तरह से सिख बंदियों को उनकी 20 साल की सजा पूरी होने के बाद भी कोई 27 तो कोई 30 साल से दिल्ली और दूसरे राज्य की जेलों में बन्द हैं और सरकार की सियासत की वजह सेइनकी रिहाई नहीं की जा रही है. 

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इस लड़ाई में सिख समाज के लोगों को एकजुट किया जा रहा है, जिससे कि सिख कैदी रिहाई मोर्चा इस प्रदर्शन को एक बड़े आंदोलन का रूप दे सके. ऐसा करने से सरकार पर दबाव बनाया जा सकेगा, सिख नेताओं को भी कटघरे में खड़ा किया जा सकेगा.  इनके अनुसार कैदियों की रिहाई नहीं होने में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी दोषी है. 

संस्था के अनुसार जब सत्ता में बड़े नेता थे तब किसी ने सकारात्मक प्रयास नहीं किया, जिसका नतीजा सबके सामने है. अभियान के दौरान पंपलेट लेकर और नारे लगाकर कर इन सिख बंदियों की रिहाई की मांग की गई. जिसमें इस संस्था के साथ-साथ आसपास के इलाके के सिख समाज के लोगों ने हिस्सा लिया. साथ ही अब इस आंदोलन को तेज करने की नई योजना भी बना रहे हैं.