निठारी कांड के पीड़ितों को मिला DDRWA का साथ, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जाएंगे SC
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निठारी कांड के पीड़ितों को मिला DDRWA का साथ, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जाएंगे SC

Nithari Case: निठारी हत्याकांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी किए जाने के बाद अब DDRWA पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है,  DDRWA ने इस केस को हाईकोर्ट में लड़ने का फैसला किया है.

निठारी कांड के पीड़ितों को मिला DDRWA का साथ, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जाएंगे SC

Nithari Case: उत्तर प्रदेश के चर्चित निठारी हत्याकांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के बाद अब  डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंशियल वेलफेयर फेडरेशन (DDRWA) पीड़ित परिवार की तरफ से हाईकोर्ट में इस केस को लड़ने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने दी.

डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने निठारी हत्याकांड के बारे में बात करते हुए बताया कि 'पहले हमने पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करने के बारे में सोचा था, लेकिन बाद में हमने ये फैसला किया कि इस केस को सुप्रीम कोर्ट में लड़ने में जो भी खर्च आएगा वो पैसा हम देंगे.'DDRWA की टीम ने सोमवार को निठारी गांव जाकर पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात की और उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए. साथ ही टीम ने मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाने का आश्वासन भी दिया.

क्या है निठारी हत्याकांड?
साल 2006 में नोएडा के छोटे से गांव निठारी से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी. सेक्टर 31 की कोठी नंबर D-5 में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे नाले से पुलिस को नरकंकाल मिले थे. ये कंकाल बच्चों और महिलाओं के थे. कोठी में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली पर इन सभी हत्याओं का आरोप लगा था. शुरुआत में 31 बच्चों की हत्या की बात सामने आई थी, लेकिन जांच के दौरान 19 लोगों की हत्या ,यौन शोषण और सबूत मिटाने की बात सामने आई.

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मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को 24 जुलाई 2017 को सीबीआई कोर्ट ने दोषी ठहराया. दोनों के खिलाफ हत्या के 16 में से आठवें मामले में कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था. कोर्ट के द्वारा दोनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई. इस मामले के 17 साल बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट ने  16 अक्टूबर को पंढेर को निठारी कांड के सभी मामलों से बरी कर दिया है. 

 मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी किए जाने के बाद अब DDRWA पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद ये केस लंबा खिंच सकता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आरुषि हत्याकांड है. तलवार दंपति को 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ने आरुषि हत्याकांड के आरोपों से बरी कर दिया. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और तब से ये केस अभी तक चल रहा है. 

 

 

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