Noida Authority: छोटे उद्यमियों के लिए प्राधिकरण ने दी शानदार योजना, पढ़ें पूरी डिटेल
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Noida Authority: छोटे उद्यमियों के लिए प्राधिकरण ने दी शानदार योजना, पढ़ें पूरी डिटेल

Industrial Land Scheme: विपक्ष ने इस योजना को चुनाव से जुड़ा प्रचार बताते हुए कहा कि सरकार को पहले पुरानी अटकी हुई परियोजनाओं और खरीदारों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. वहीं, सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि यह योजना औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए लाई गई है.

Noida Authority: छोटे उद्यमियों के लिए प्राधिकरण ने दी शानदार योजना, पढ़ें पूरी डिटेल

Noida Authority: आगामी चुनावों के मद्देनजर नोएडा प्राधिकरण ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर के लिए नई औद्योगिक भूखंड योजना की घोषणा की है. योजना के तहत पहले चरण में 17 भूखंडों का ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा. ये भूखंड सेक्टर-7, 8, 10, 80, 62 और 164 में स्थित होंगे, जिनका आकार 200 से 7500 वर्गमीटर के बीच होगा. प्राधिकरण का दावा है कि यह योजना MSME उद्यमियों को सशक्त बनाएगी और क्षेत्र में रोजगार सृजन करेगी.

क्या चुनावी एजेंडा है मुख्य मकसद?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना चुनावी साल में सरकार की छवि सुधारने का प्रयास है. औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन जैसे मुद्दे हमेशा चुनावी वादों का केंद्र रहे हैं. इस योजना से सरकार छोटे और मध्यम वर्गीय उद्यमियों का समर्थन प्राप्त करना चाहती है.

पुरानी परियोजनाओं के घोटाले के बीच नई पहल
नई योजना की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब नोएडा प्राधिकरण ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज की दो परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं के चलते विवादों में घिरा है. प्राधिकरण ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को 1,589.27 करोड़ रुपये के बकाया मामले की जांच का अनुरोध किया है. आरोप है कि बिल्डरों ने फ्लैट बेचकर प्राप्त राशि का उपयोग अन्य परियोजनाओं में किया, जिससे हजारों खरीदारों की रजिस्ट्री लटकी रह गई.

सियासी प्रतिक्रियाएं
विपक्ष ने इस योजना को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि सरकार पहले लंबित परियोजनाओं और खरीदारों को न्याय दिलाए. वहीं, सत्ताधारी दल ने इसे औद्योगिक विकास और MSME सेक्टर को सशक्त बनाने का प्रयास बताया.

क्या वाकई MSME को मिलेगा लाभ?
विशेषज्ञों के अनुसार योजना की सफलता पूरी तरह पारदर्शिता और समयबद्ध आवंटन पर निर्भर करेगी. अगर ई-नीलामी प्रक्रिया निष्पक्ष रही तो यह MSME के लिए वरदान साबित हो सकती है. आगामी चुनावों के मद्देनजर यह देखना दिलचस्प होगा कि यह योजना विकास की दिशा में कदम साबित होती है या महज एक राजनीतिक शिगूफा.

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