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Air pollution in Delhi: क्या सरकार की नीतियां प्रदूषण रोकने में नाकाम? AQI पहुंचा जानें इतने पार

Delhi Pollution : दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. कुछ दिनों से सर्दी की पुन: शुरुआत के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया, जिससे राजधानी की हवा जहरीली हो गई है. दमघोंटू हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है.

 

AQI 400 के पार

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AQI 400 के पार

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. AQI 400 के पार चला गया, जिससे राजधानी की हवा जहरीली हो गई है. दमघोंटू हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

 

प्रदूषण बढ़ने की वजहें

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प्रदूषण बढ़ने की वजहें

प्रदूषण के बढ़ने के कई कारण सामने आ रहे हैं. पराली जलाने, वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीला बना रही है. अक्टूबर और नवंबर के महीने में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे दिल्ली में स्मॉग की परत जम जाती है. इसके अलावा कोल्ड वेव और हवा की धीमी गति भी प्रदूषक तत्वों को फैलने से रोकती है, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो जाती है.

 

स्वास्थ्य पर बढ़ता खतरा

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स्वास्थ्य पर बढ़ता खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की जहरीली हवा बुजुर्गों, बच्चों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और फेफड़ों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. कई अस्पतालों में सांस की तकलीफ और एलर्जी के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

 

सरकारी प्रयास और सख्त कदमों की जरूरत

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सरकारी प्रयास और सख्त कदमों की जरूरत

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है. इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, जल छिड़काव और वाहनों पर नियंत्रण जैसे उपाय किए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार ऑड-ईवन स्कीम को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है ताकि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम हो सके. साथ ही, केंद्र सरकार ने पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने पर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है.

 

जनता को भी करना होगा सहयोग

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जनता को भी करना होगा सहयोग

सिर्फ सरकार के प्रयासों से प्रदूषण पर काबू पाना मुश्किल होगा. लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. कम से कम निजी वाहनों का उपयोग करना, सार्वजनिक परिवहन को अपनाना और अधिक से अधिक पेड़ लगाने जैसे छोटे-छोटे कदम प्रदूषण को रोकने में मदद कर सकते हैं. दिल्ली की हवा को फिर से साफ बनाने के लिए सरकार और जनता—दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे.