Chankya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में चार प्रमुख चीजों से दूर रहने की सलाह दी है. चाणक्य नीति के अनुसार मूर्ख शिष्य को शिक्षा देना, अपने परिवार की परवाह न करने वाली महिलाओं से संबंध रखना, केवल धन की चिंता में डूबे लोगों से जुड़ना, और हमेशा नकारात्मकता फैलाने वालों के साथ रहना. इनसे दूरी बनाए रखने पर व्यक्ति कष्टों से बच सकता है.
आचार्य चाणक्य की नीतियों में जीवन के अच्छे और बुरे पहलुओं के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. उन्होंने समझाया है कि कौन-सी बातें आपके हित में हैं और किन चीजों से आपको बचकर रहना चाहिए. चाणक्य का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति इन चार चीजों से दूरी नहीं बनाएगा, तो वह हमेशा परेशानियों में उलझा रहेगा. आइए जानते हैं कि ये चार चीजें कौन-सी हैं.
चाणक्य के अनुसार, मूर्ख शिष्य को उपदेश देना व्यर्थ है क्योंकि वह वही करेगा जो उसके मन में आता है. यहां मूर्ख शिष्य से तात्पर्य उन लोगों से है जो किसी की बात नहीं सुनते और अपनी ही सोच के अनुसार चलते हैं. ऐसे लोगों को ज्ञान देने का प्रयास करना समय की बर्बादी है. जो लोग ऐसे मूर्खों के पीछे अपना समय व्यर्थ करते हैं, वे हमेशा कष्टों में घिरे रहते हैं.
चाणक्य ने उन महिलाओं को भी गलत ठहराया है जो केवल अपनी मनमर्जी चलाती हैं और परिवार की बातों को अनसुना करती हैं. उनके अनुसार, जो महिलाएं अपने परिवार का ध्यान नहीं रखतीं और पति, संतान, और माता-पिता की परवाह नहीं करतीं, उनसे दूरी बनाए रखना ही सही है. ऐसी महिलाएं न केवल खुद का बल्कि अपने आसपास के लोगों का भी नुकसान करती हैं.
वह लोग जो केवल धन के बारे में सोचते रहते हैं, जिन्हें सिर्फ पैसे के नष्ट होने का भय रहता है, और इस डर से जरूरी कार्यों में भी खर्च नहीं करते, वे हमेशा समस्याओं में फंसे रहते हैं. ऐसे लोग अपना धन अच्छे कार्यों में नहीं लगा पाते, और उनके जाने के बाद दूसरे लोग उनका धन इस्तेमाल करते हैं. इसलिए, अनावश्यक खर्चों से बचें, लेकिन जहां जरूरी हो, वहां अवश्य खर्च करें.
चाणक्य ने यह भी बताया कि हमें उन लोगों से भी दूर रहना चाहिए जो हमेशा अपनी परेशानियों का रोना रोते रहते हैं और नकारात्मक बातें करते हैं. ऐसे लोगों के साथ रहने से नकारात्मकता आप पर भी हावी हो जाती है, जिससे आप कुछ भी अच्छा सोच नहीं पाते. इसलिए, ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही समझदारी है, जो हमेशा दुख और निराशा की बातें करते हैं.