Chanakya Niti: कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी पहचाने जाने वाले चाणक्य की शिक्षाएं आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियों में जीवन के हर पहलू से संबंधित कुछ न कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं. शिक्षा से लेकर शत्रुओं तक, जीवन की हर मुश्किल समस्याओं का समाधान उनकी नीतियों में मिलता है. आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा सुझाई गई कुछ महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में बताएंगे.
चाणक्य नीति के अनुसार, धन का सदुपयोग दान में करना चाहिए. चाणक्य के अनुसार, जरूरतमंदों की सहायता के लिए धन का प्रयोग किया जाना चाहिए. यह धन भोजन, शिक्षा, दवाएं, और कपड़े उपलब्ध करवाने में खर्च किया जाना चाहिए. पुण्य कार्यों में कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए.
चाणक्य नीति के मुताबिक, समाज के प्रति हर व्यक्ति की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. इसलिए, समाजहित में अच्छे कार्यों के लिए धन खर्च करने में कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए.
चाणक्य के अनुसार सामाजिक कार्य करने से कभी भी व्यक्ति के पास धन की कमी नहीं होती है और हमेशा ही इसमें बढ़ोतरी होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की हमेशा मदद करनी चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए, खासकर समाजिक से कार्यों में दान देने से. यह जीवन को संवारने में सहायक होता है, और ऐसे लोग अगले जन्म में लाभ के पात्र बनते हैं.
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत वर्तमानेन कालेन प्रवर्तन्ते विचक्षणाः जो बातें बीत चुकी हैं, उन पर शोक करना व्यर्थ है, और भविष्य की चिंता करना भी उचित नहीं है. समझदार व्यक्ति हमेशा वर्तमान के अनुसार कार्य करते हैं. व्यक्ति को चाहिए कि वह अतीत की बातों पर समय बर्बाद न करे, और भविष्य की चिंता में भी न उलझे. अतीत तो गुजर चुका है, और भविष्य की केवल कल्पना की जा सकती है. इसलिए, समझदार व्यक्ति वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार काम करने में लगा रहता है. इससे न केवल अतीत की गलतियों को सुधारा जा सकता है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार किया जा सकता है.