दो नदियों के बीच बसा हुआ शहर शाहजहांपुर, जिसे शिव नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां कई प्राचीन शिव मंदिर स्थापित हैं. यहां त्रिलोकी नाथ धाम, तुरंतनाथ शिव मंदिर, सुनासिर नाथ धाम, मदनापुर में पत्थरों से बना शिव मंदिर और चौकसीनाथ मंदिर यहां सावन के पवित्र मौके पर शिवभक्त जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.
शाहजहांपुर के चौक इलाके में भोलेनाथ का चौकसी नाथ मंदिर स्थित है. जहां पर 2 शिवलिंग आपस में जुड़े हुए हैं. यहां पर ऐसी मान्यता है कि भोले बाबा यह के शिवलिंग का खुद रंग बदलते है. वर्षों पुराने इस मंदिर में भगवान शिव हर अपने सभी भक्तों की मनोकमना करते हैं.
शाहजहांपुर में स्थित भगवान शिव का ये मंदिर 2 लाख से भी ज्यादा नदी के पत्थरों से बनाया गया है. नदी के पत्थरों से बने 50 फीट ऊंचे इस मंदिर के सबसे ऊपर स्थापित शिवलिंग लोगों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है. जो लोग सच्चे मन से यहां प्रर्थना करते है उनकी सभी मनोकमना पूरी होती है. यहां पर रोजाना बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते है.
भगवान शिव के मंदिर प्रसिद्ध मंदिर त्रिलोकी नाथ धाम है. यहां पर हर सोमवार को हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते है तो वहीं महाशिवरात्रि और सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालु यहां पर लाखों का संख्या में पहुंचते हैं.
नदी के किनारे स्थित भगवान शिव का यह मंदिर त्रेतायुग का बताया जाता है. यहां पर ऐसी मान्यता है कि यहां राजा इंद्र रोजाना सबसे पहले भगवान शिव का पूजा अर्चना करने के लिए स्वयं आते हैं. शाहजहांपुर के गांव को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सदियों पहले इस मंदिर में भगवान शिव शंकर मां पर्वती के साथ संसार भ्रमण के दौरान यहां पर पहुंचे थे और रात्रि में यहां विश्राम किया था.