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GK Interesting Facts: क्या आप जानते हैं, आजादी के पहले उत्सव में महात्मा गांधी क्यों नहीं थे मौजूद?

GK Questions and Answers PDF: महात्मा गांधी 15 अगस्त, 1947 को भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे कोलकाता में सांप्रदायिक हिंसा को शांत करने में लगे थे. भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था. भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली.

 

महात्मा गांधी ने पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग नहीं लिया?

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महात्मा गांधी ने पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग नहीं लिया?

महात्मा गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में जाना जाता है, भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे. 15 अगस्त, 1947 को, जब देश अपनी स्वतंत्रता का जश्न मना रहा था, गांधीजी नई दिल्ली में नहीं थे. उस समय वे कोलकाता में सांप्रदायिक हिंसा को शांत करने और शांति बहाल करने के प्रयास में लगे हुए थे. विभाजन के कारण भड़की हिंसा के बीच, गांधीजी ने कोलकाता में भूख हड़ताल भी की थी.

भारत के तिरंगे का महत्व

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भारत के तिरंगे का महत्व

भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था, 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था. यह ध्वज तीन रंगों से मिलकर बना है, केसरिया, सफेद और हरा.

क्या बताते हैं तिरंगे के तीनों रंग

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क्या बताते हैं तिरंगे के तीनों रंग

सबसे ऊपरी केसरिया पट्टी देश की ताकत और साहस का प्रतीक है, बीच की सफेद पट्टी शांति और सत्य को दर्शाती है, और हरी पट्टी भूमि की उर्वरता और शुभता का प्रतीक है. ध्वज का अनुपात 2:3 है.

15 अगस्त को ही स्वतंत्रता क्यों मिली?

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15 अगस्त को ही स्वतंत्रता क्यों मिली?

भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिली थी. यह दिन मित्र देशों की सेनाओं के सामने जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ भी थी, जिसने इसे एक महत्वपूर्ण तिथि बना दिया.

जून में मिलनी थी आजादी

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जून में मिलनी थी आजादी

माउंटबेटन को ब्रिटिश संसद द्वारा जून 1948 तक सत्ता हस्तांतरित करने की शक्ति दी गई थी, लेकिन उन्होंने रक्तपात और दंगों से बचने के लिए इसे 15 अगस्त, 1947 तक टाल दिया.