ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बागपत के अलावा कई जिले के लोगों को इसमें राहत मिलने की उम्मीद है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि इसके निर्माण पूरा होने के बाद दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेल यातायात पर काफी दबाव कम हो जाएगा और प्रदूषण का स्तर भी नीचे आ जाएगा.
यह उत्तर प्रदेश और हरियाणा के तमाम लॉजिस्टिक हब के साथ लिंक किया जाएगा. वहीं इसे नेशनल हाईवे, रेलवे लाइन, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, आरआरटीएस, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और न्यू नोएडा इंडस्ट्रियल टाउनशिप के साथ इसको लिंक किया जाएगा.
वहीं रेल कॉरिडोर के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में तकरीबन 14 हजार करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है. वहीं इसमें 11 हजार करोड़ प्रोजेक्ट की लागत आएगी और बाकी 3 हजार करोड़ रुपये जमीन हासिल करने के लिए खर्च किए जाएंगे.
इस कॉरिडोर में कुल मिलाकर 18 स्टेशन प्रस्तावित है. वहीं इसमें 12 क्रॉसिंग स्टेशन और 6 हॉल्ट स्टेशन होंगे. वहीं पैसेंजर वाली ट्रेन की स्पीड को 160 किलोमीटर प्रति घंटे रखा जाएगा. वहीं गुड्स ट्रेन की स्पीड को 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक रखा जाएगा.
इसके कॉरिडोर की लंबाई 135 किलोमीटर है, जिसमें से 45 किलोमीटर हरियाणा में होगी, तो वहीं 90 किलोमीटर लंबाई उत्तर प्रदेश में होगी. इस कॉरिडोर के बनने से दादरी, न्यू बोडाकी डीएफसी, डीएनजीआईआर, ग्रेटर नोएडा फेस-2, जेवर एयरपोर्ट, गाजियाबाद, मेरठ और बागपत के एरिये को काफी फायदा मिलेगा.