PUC Certificate: बिना PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाने वाले सावधान! जुर्माने के साथ होगी जेल
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PUC Certificate: बिना PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाने वाले सावधान! जुर्माने के साथ होगी जेल

PUC Certificate: ई-वाहनों को छोड़कर एक साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य है. बिना सर्टिफिकेट वाहन चलाने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना, 6 महीने की जेल या फिर दोनों हो सकता है.  

PUC Certificate: बिना PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाने वाले सावधान! जुर्माने के साथ होगी जेल

PUC Certificate: दिल्ली सरकार एक बार फिर बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए एक्शन मोड में नजर आ रही है. राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अब सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) रखना अनिवार्य है. जिसकी सूचना परिवहन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है. नियम का उल्लघंन करने वाले वाहन मालिकों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना, 6 महीने की जेल या फिर दोनों हो सकता है.  

परिवहन विभाग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ई-वाहनों को छोड़कर एक साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य है. अगर जांच के दौरान किसी वाहन का PUC सर्टिफिकेट नहीं होता है तो वाहन मालिक पर कार्रवाई की जाएगी. जल्द ही परिवहन विभाग द्वारा इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा.

कहां बनवा सकते हैं PUC सर्टिफिकेट
देश के सभी राज्यों में पेट्रोल पंप पर पॅाल्यूशन चेक सेंटर स्थित है, जहां पर आप वाहन का PUC सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं. ये सेंटर उस राज्य के ही ट्रांसपोर्ट विभाग से ऑथॅाराइज्ड होते है.  PUC सर्टिफिकेट में गाड़ी के लाइसेंस प्लेट का नंबर, जिस दिन गाड़ी का टेस्ट कराया गया हो वो तारीख होती है. साथ ही PUC सर्टिफिकेट पर इसके एक्सपायर होने की तारीख और निरीक्षण का ब्योरा भी दिया जाता है.

कैसे होता है टेस्ट
वाहनों का प्रदूषण चेक करने के लिए पॅाल्यूशन चेक सेंटर पर गैस एनलाइजर  होता है, जो कम्प्यूटर से लिंक होता है. इससे कैमरा और प्रिंटर भी जुड़े होते हैं. टेस्ट में सबसे पहले गैस एनलाइजर  को गाड़ी के साइलेंसर में डालते हैं और जब तक एनलाइजर पॅाल्यूशन की जांच करके कम्प्यूटर पर आंकड़े अपडेट नहीं कर देता तब तक गाड़ी को स्टार्ट रखते हैं. गाड़ी से तय स्टैंडर्ड पर पॅाल्यूशन निकलने पर PUC सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है. पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के लिए टेस्ट का तरीका अलग-अलग होता है.

पेट्रोल और डीजल वाहनों का टेस्ट
पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के लिए बिना एक्सेलेटर दबाए एक बार में रीडिंग ली जाती है. वहीं अगर डीजल गाड़ियों की बात करें तो एक्सेलेटर को पूरी तरह दबा कर रखते है और ऐसा लगभग पांच बार करते हैंफिर  गाड़ी से निकलने वाले धुएं से एक एवरेज निकाल कर रीडिंग ली जाती है. फिर गाड़ी से तय स्टैंडर्ड पर पॅाल्यूशन निकलने पर PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है. 

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