रोहतक के सुंदाना गांव की रहने वाली 19 वर्षीय शनन ढाका की ओवरऑल रैंक 10वीं है. शनन का कहना है कि सेना में काम करना नौकरी नहीं, बल्कि सेवा है. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने सिर्फ 40 दिन की तैयारी में ही एग्जाम क्रैक कर लिया.
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नई दिल्ली : रोहतक के सुंदाना गांव की रहने वाली 19 वर्षीय शनन ढाका ने हरियाणा और पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. शनन ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए एनडीए की पहले महिला बैच की एंट्रेंस परीक्षा में टॉप किया है. शनन ढाका की ओवरऑल रैंक 10वीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल भारत सरकार ने एनडीए में लड़कियों के प्रवेश की अनुमति दी थी. परीक्षा 14 नवंबर 2021 को हुई थी.
परिवार से मिली देश सेवा की सीख
ढाका ने कक्षा 12 में 98.2 प्रतिशत और कक्षा 10 में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन में बीए की डिग्री हासिल करने के दौरान शनन ने सेना में जाने का फैसला कर लिया था. उसका कारण उनका फैमिली बैकग्राउंड है. शनन के दादा चंद्रभान ढाका सेना में सूबेदार थे. पिता विजय कुमार ढाका ने भी भारतीय सेना में नायक सूबेदार के पद पर रहकर देश सेवा की.
सेना में जाना था लक्ष्य
शनन की पढ़ाई आर्मी स्कूल में हुई है. शनन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में स्नातक कोर्स में एडमिशन लिया था. शनन ने बताया कि या तो उन्हें सिविल सेवा या फिर रक्षा सेवाओं में शामिल होना था. ऐसे में जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब उन्हें मौका मिला तो एनडीए के लिए आवेदन कर दिया.
शनन का कहना है कि सेना में काम करना नौकरी नहीं, बल्कि सेवा है. पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार स्कूल में एनडीए मॉक टेस्ट में लड़कियां बैठना चाहती थीं, लेकिन इसकी अनुमति नहीं थी क्योंकि यह केवल लड़कों के लिए था. अब जब वो दिन याद आता है तो अच्छा लगता है.
Haryana's 19-yr-old Shanan Dhaka, entrance topper of NDA's 1st women batch says,"Working in Army isn't a job but service. Once during an NDA mock test at school, girls wanted to sit for it but weren't permitted given it was only for boys. Now when I recall that day,it feels good" pic.twitter.com/tK7FOgj9Xl
— ANI (@ANI) June 22, 2022
सिर्फ 40 दिन की तैयारी
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि एनडीए परीक्षा के तैयारी के लिए उन्हें सिर्फ 40 दिन का समय मिला था. इस दौरान उन्होंने सिर्फ बीते 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को बार-बार सॉल्व किया. शनन ने बताया कि एनडीए की परीक्षा में ढाई घंटे का समय दिया जाता है, जबकि उनका लक्ष्य मात्र दो घंटों में पेपर हल करने का था.
लिखित एग्जाम पास करने के बाद उनका इंटरव्यू हुआ था. 5 दिन तक चले इंटरव्यू में उन्होंने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा, जिसकी बदौलत शनन ने इतिहास रच दिया. उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के बारे में मुझे पता चला कि यह एक व्यक्तित्व आधारित परीक्षा होगी. आप वहां दिखावा नहीं कर सकते. इन बातों को ध्यान में रखकर ही उन्होंने इसकी तैयारी की. इसके अलावा जॉगिंग और अन्य व्यायाम भी करना शुरू कर दिया था.
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