Sonipat News: भूख-प्यास से तड़पकर हुई 8 बंदरों की मौत, जंगल में छोड़ने की बजाय कर दिया पिंजरे में कैद
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Sonipat News: भूख-प्यास से तड़पकर हुई 8 बंदरों की मौत, जंगल में छोड़ने की बजाय कर दिया पिंजरे में कैद

Sonipat News: हरियाणा के सोनीपत में नगर पालिका ने एक ठेकेदार को बंदर पकड़ने का ठेका दिया था. वहीं उसने बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने की बजाए पिंजरे में कैद कर दिया था. 

Sonipat News: भूख-प्यास से तड़पकर हुई 8 बंदरों की मौत, जंगल में छोड़ने की बजाय कर दिया पिंजरे में कैद

Sonipat News: सोनीपत के अंबेडकर कॉलोनी में स्थित एक कमरे में बेजुबान बंदरों को पिंजरे में कैद करके उन्हें भूखा प्यासा रखा जा रहा था. भूख प्यास से तड़पकर 8 बंदरों की मौत का मामला सामने आया है. वहीं मरे हुए बंदरों को बोरे में बांधकर पार्क में फेंका गया था. नगर निगम द्वारा ठेकेदार को बंदर पकड़ने का टेंडर दिया गया था, लेकिन ठेकेदार ने बंदरों को सुरक्षित किसी जंगल में छोड़ने की बजाय बेजुबान बंदरों को कमरे में कैद किया और उन्हें मरने तक भूखा प्यासा रखा गया. जैसे ही कुछ सामाजिक संगठनों को मामले में जानकारी हुई तो रात को जमकर हंगामा हुआ और वहीं पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला भी दर्ज कर लिया है. नगर निगम के कमिश्नर ने मामला संज्ञान में आते ही ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया है और उसकी परफॉर्मेंसेस सिक्योरिटी बिलों को रोक दिया गया है.

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इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सोनीपत में सामने आया है, जहां इंसान ने लालच में अंधा होकर बेजुबान जानवरों के साथ ऐसा अत्याचार किया. 41 डिग्री के टेंपरेचर में भूख-प्यास से वंचित कर एक बंद कमरे में पिंजरे में कैद कर दिया. इसके बाद तड़प तड़पकर बेजुबान बंदरों और उनके छोटे बच्चों की मौत हो गई.

पशु चिकित्सक ऋतु का कहना है कि रात को थाना एसएचओ द्वारा उन्हें बंदरों के बारे में सूचना मिली थी. बंदर नगर निगम द्वारा पकड़े गए थे. वहीं उन्हीं में से कुछ बंदरों की मौत भी हो गई है और कुछ घायल भी हैं. जहां मौके पर डॉक्टर ने पाया कि वेलफेयर और नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और वहां पर बंदरों की स्थिति काफी खराब देखी गई.

पोस्टमार्टम के बाद हुआ खुलासा
वहीं डॉक्टर ने बताया कि मौके पर 7 से 8 बंदर की मौतें हो चुकी थी और जिन्हें बाहर फेंका गया था. मरे हुए बंदरों का रात को ही पोस्टमार्टम किया गया तो उनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी और रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन को सूचित किया जाएगा. वहीं डॉक्टर ने बताया कि 10 तारीख को उनके पास एक पार्टी से जुड़ा हुआ ठेकेदार पहुंचा था. उस दौरान एक बंदर की मौत को लेकर ठेकेदार डॉक्टर के पास पहुंचा था, जहां मौके पर पहुंचकर डॉक्टर ने पाया कि बंदरों को बहुत बुरे हालात में रखा जा रहा था और हालात को देखकर शीर्ष अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था. उस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन रात को जिस प्रकार के हालात हुए, वहां हालात काफी खराब थे.

फर्म की ब्लैक लिस्ट
नगर निगम के कमिश्नर विश्राम सिंह मीणा का कहना है कि रात को उनके संज्ञान में मामला आया है और रात को ही कार्रवाई की गई है. वहीं ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया है और उसकी परफॉर्मेंसेस सिक्योरिटी बिलों को रोक दिया गया है. ज्वाइंट कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी जांच के गठित कर दी गई है. जांच में यह भी पता किया जाएगा कि टेंडर के दौरान नियमों की कब से अवहेलना की जा रही थी और और नगर निगम द्वारा ठेकेदार के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा कार्रवाई और पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया जाएगा.

वहीं ठेकेदार के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है. नगर निगम के कमिश्नर ने यह भी कहा है कि मामले को लेकर सख्त संज्ञान लिया जाएगा. वही बंदरों को पकड़ने के लिए कंपनी को 3 महीने का अतिरिक्त एक्सटेंशन दिया गया और ठेकेदार ने मनमानी करते हुए बेजुबान जानवरों के साथ अत्याचार किया. मामला सामने आने के बाद अब एक्सटेंशन भी खत्म कर दिया गया है और कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है.

Input: Sunil Kumar

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