Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग, मुकुल रोहतगी ने रखी ये दलीलें
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1974638

Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग, मुकुल रोहतगी ने रखी ये दलीलें

समलैंगिक विवाह को सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी मान्यता दिए जाने से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामला को उठाया है. 

 

Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग, मुकुल रोहतगी ने रखी ये दलीलें

Same sex marriage supreme court verdict: समलैंगिक विवाह मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई है. 17 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दिए जाने से इनकार कर दिया गया है. अब संविधान पीठ के इस फैसले के खिलाफ एक याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पुनर्विचार याचिकाओं पर बंद चैंबर के बजाय ओपन कोर्ट में सुनवाई की मांग की जा रही है. मुख्य न्यायाधीश ने इसपर कहा कि हम याचिकाओं को देखकर ही फैसला लेंगे.

कोर्ट के सामने पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट के सामने पेश हुए. उन्होंने CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामला को उठाया और कहा कि इन याचिकाएं पर 28 नवंबर को सुनवाई होगी. कोर्ट ये सुनिश्चित करे कि उस दिन ये मामला सुनवाई की लिस्ट से डिलीट नहीं होगा. मुकुल रोहतगी ने ये भी कहा कि संविधान पीठ के सभी जज इस बात से सहमत थे कि समलैंगिक कपल के साथ समाज में भेदभाव हो रहा है. ऐसे में जब कोर्ट उनके साथ भेदभाव की बात को मान रहा है तो उनके लिए राहत का रास्ता निकालना होगा. यह मसला बड़ी तादाद में लोगों की जिंदगी से जुड़ा है. इसलिए हम चाहते हैं कि पुनर्विचार याचिकाओं पर बंद चैंबर के बजाय ओपन कोर्ट में सुनवाई हो. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम याचिकाओं को देखकर ही फैसला लेंगे. 

जज तय करते हैं 
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाओं पर सीधे ओपन कोर्ट में सुनवाई नहीं होती. जज पहले बंद चैंबर में केस की फाइल को देखकर तय करते है कि ओपन कोर्ट में सुनवाई की जरूरत है या नहींयाचिकाकर्ता ओपन कोर्ट में सुनवाई के जरिये चाहते हैं कि उन्हें एक बार फिर दलीलें रखने का मौका मिले.

ये भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर CNG के कीमतों में इजाफा, इतने रुपये हुई कीमत

समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने से इनकार 
17 अक्टूबर को दिए अपने अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने समलैंगिक  शादियों को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था. संविधान पीठ के पांच जज इस पर एकमत थे कि ये काम विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. कोर्ट अपनी ओर से समलैंगिक विवाह के रूप में एक नई संस्था को मान्यता नहीं दे सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने समलैंगिक कपल को स्पेशल मैरिज एक्ट के दायरे में लाने के लिए उसमें किसी तरह के संसोधन से इनकार कर दिया था.

Trending news