Delhi News: मुफ्त योजनाओं से नाराज सुप्रीम कोर्ट, कहा- लोग काम करने के लिए तैयार नहीं
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2643146

Delhi News: मुफ्त योजनाओं से नाराज सुप्रीम कोर्ट, कहा- लोग काम करने के लिए तैयार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मुफ्त योजनाओं के प्रति अपनी नाराजगी जताई है. न्यायालय का मानना है कि मुफ्त सुविधाओं के कारण लोग काम करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दुर्भाग्यवश, मुफ्त की इन सुविधाओं के कारण लोग काम करने को तैयार नहीं हैं.

Delhi News: मुफ्त योजनाओं से नाराज सुप्रीम कोर्ट, कहा- लोग काम करने के लिए तैयार नहीं

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मुफ्त योजनाओं के प्रति अपनी नाराजगी जताई है. न्यायालय का मानना है कि मुफ्त सुविधाओं के कारण लोग काम करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दुर्भाग्यवश, मुफ्त की इन सुविधाओं के कारण लोग काम करने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने उदाहरण दिया कि लोग मुफ्त राशन और बिना काम के धनराशि प्राप्त कर रहे हैं. यह स्थिति समाज में एक नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, जिससे लोग काम करने के बजाय मुफ्त में मिलने वाली चीजों पर निर्भर हो रहे हैं.

लोग केवल मुफ्त सुविधाओं पर निर्भर
बेंच ने यह भी कहा कि यह बेहतर होगा कि लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और देश के विकास में अपना योगदान दें. यह बात महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर लोग केवल मुफ्त सुविधाओं पर निर्भर रहेंगे, तो वे अपने विकास की संभावनाओं को भी खो देंगे. अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन पर काम कर रही है. इस मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए आश्रय की व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों का समाधान किया जाएगा. अदालत ने इस मामले पर सुनवाई को 6 हफ्तों के लिए स्थगित कर दिया है. पीठ ने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार से पूछे कि यह मिशन कब तक लागू होगा.

ये भी पढ़ेंअंबाला कैंट नगर परिषद का गठन के बाद पहली बार निकाय चुनाव में होगा EVM का इस्तेमाल

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख तय कर दी है. यह सुनवाई 19 फरवरी को होगी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की जानकारी दी. याचिकाकर्ता एनजीओ एडीआर की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने तर्क किया कि नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति जल्द होने वाली है, इसलिए याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है.