उज्बेकिस्तान को बेहद पसंद आई टैब वितरण प्रणाली, हरियाणा सरकार से मांगी मदद
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1277777

उज्बेकिस्तान को बेहद पसंद आई टैब वितरण प्रणाली, हरियाणा सरकार से मांगी मदद

उज्बेकिस्तान से आए प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा में मनोहर सरकार की ई-अधिगम योजना की काफी तारीफ की और इसे अपने देश में लागू करने की बात कही है. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री को वहां आने का भी न्यौता दिया है. 

उज्बेकिस्तान को बेहद पसंद आई टैब वितरण प्रणाली, हरियाणा सरकार से मांगी मदद

चंडीगढ़ः उज्बेकिस्तान से आए प्रतिनिधिमंडल को हरियाणा में मनोहर सरकार की ई-अधिगम योजना (Haryana government e-learning scheme) को काफी पसंद किया है. नामनगान विश्वविद्यालय उज्बेकिस्तान के कुलपति व अन्य सदस्यों शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से इस योजना की विस्तृत जानकारी ली. उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री कहा कि वो इस योजना की खासियत के बारे में बताएं, ताकि वह भी इसे अपने देश में लागू कर सकें.

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत ने नई शिक्षा नीति (India new education policy) 2020 बनाई है, लेकिन उनके यहां पर रशियन पाठ्यक्रम है. प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान भी आग्रह किया है. हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि उज्बेकिस्तान का प्रतिनिधि मंडल आज शिक्षा विभाग का दौरा करने पहुंचा. उन्होंने स्कूल स्तर पर बच्चों को टैबलेट देकर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में इंटरेस्ट बढ़ाने के प्रयास को काफी सराहा और हरियाणा सरकार से मदद मांगी है. हमें भी उज्बेकिस्तान आने के लिए न्यौता दिया. उज्बेकिस्तान के 5 छात्रों को हरियाणा के विश्वविद्यालय में पढ़ाने का भी आग्रह किया है. हरियाणा सरकार विद्यार्थियों के लिए कई योजनाएं भी चला रही है, जिसमें सुपर-100 कार्यक्रम, आईआईटी व नीट की फ्री कोचिंग शामिल है. 

 शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में अंग्रेजी भाषा पाठ्यक्रम आसान है. प्रतिनिधिमंडल की मांग पर शिक्षा मंत्री ने अंग्रेजी व कंप्यूटर विषय के अध्यापकों को लघु प्रशिक्षण के लिए उज्बेकिस्तान भेजने की बात कही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दूतावास के समन्वय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar lal chief minister haryana) के मार्गदर्शन इसे आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी नीतियों को दूसरे देश अपना रहे हैं.

Trending news