दो दिन में शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. कोरोनाकाल के बाद अब नवरात्र की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. नवरात्रों में दुर्गा के पंडाल लगाए जाते हैं. नवरात्र के नौ दिन मां की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना के साथ में कलश स्थापना भी होती है.
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Navratri: दो दिन में शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. कोरोनाकाल के बाद अब नवरात्र की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. नवरात्रों में दुर्गा के पंडाल लगाए जाते हैं. नवरात्र के नौ दिन मां की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना के साथ में कलश स्थापना भी होती है. अगर आप भी इस साल मां दुर्गा की प्रतीमा की स्थापना करने वाले हैं तो कुछ नियम जान लें जिससे मां दुर्गा का आशीर्वाद भरपूर मिल सकें.
इस दिशा में करें मूर्ति स्थापना
वास्तु शास्त्रों की मानें तो मूर्ति स्थापना के दौरान दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए. दुर्गा मां की मूर्ति उत्तर-पूर्व दिशा की और स्थापित करना चाहिए. इस दिशा में मूर्ति स्थापना से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है. किसी भी वजह से इस दिशा में मूर्ति स्थापना नहीं कर पा रहे हैं तो परेशान होने की कोई बात नहीं है. उत्तर या पश्चिम दिशआ की ओर मां री मूर्ति स्थापित की जा सकती है. ऐसा करने से भक्त का मुंह पूर्व या पश्चिम की ओर होगा, जिससे चेतना और मानसिक शांति मिलती है.
इस दिशा में न रखें मूर्ति
वास्तु की मानें तो दुर्गा मां की मूर्ति कभी भी दक्षिण दिशा की ओर स्थापित नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इस दिशा को यमराज की दिशा कहते हैं. इस दिशा से नेगीटिव शाक्तियां उत्पन्न होती है. साथ ही इस दिशा में मूर्ति स्थापना करने से सुख-शांति नहीं आती हैं.
घर में कितनी बड़ी स्थापित करें मूर्ति
अगर आप घर में देवी मां की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि तीन इंच से बड़ी मूर्ति न लाएं. मूर्ति खरीदते समय एक बात का और ध्यान दें कि मूर्ति का रंग पीला, हरा या गुलाबी होना चाहिए.
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मूर्ति स्थापना से पहले करें ये काम
मां की मूर्ति स्थापना जिस जगह आप स्थापित करने वाले हो. उस स्थान पर पहले सिंदूर और साबुत चावल डाल दें. इसके बाद ही मूर्ति की स्थापना करें.