Haryana Sports: इस गांव की बेटियां फुटबॉल के आधार पर भारतीय सेना, सीआरपीएफ, भारतीय रेलवे, शिक्षा विभाग, असम राइफल, खेल विभाग सहित विभिन्न केंद्र व राज्य सरकार में कर रही नौकरियां, गांव के हर व्यक्ति को है बेटियों पर गर्व
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Haryana Sports: दुनिया में फुटबॉल की राजधानी कहलाने वाले ब्राजील की तर्ज पर भिवानी जिले का गांव अलखपुरा भी मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है. क्योंकि इस गांव की लड़कियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया में फुटबॉल के क्षेत्र में अपना नाम कमाया है. हाल ही में दिल्ली में हो रहे सुब्रतो कप में अलखपुरा की 16 बेटियां 26 सितंबर तक आयोजित हो रहे सुब्रतो कप में अपनी जगह बनाकर खेल रही हैं। जहां उन्होंने सिक्किम, वेस्ट बंगाल को हराकर दो मैच जीत भी लिए। लगभग पांच हजार की आबादी वाले इस गांव अलखपुरा में बेटा और बेटियों में कोई अंतर नहीं किया जाता। लगभग हर घर से बेटियां यहां के फुटबॉल ग्राऊंड में प्रतिदिन फुटबॉल खेलती है. जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टीम में यहां की बेटियां अपना स्थान बनाए हुए है।
अलखपुरा की फुटबॉल क्लब की सरकारी कोच सोनिका बिजारणिया, बेटियों के अभिभावक मनदीप सिंह, सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी बेटियों ने 2015 व 2016 में दो बार पहले भी सुब्रतो कप जीता है। यहां की बेटियां भारतीय सेना, सीआरपीएफ, भारतीय रेलवे, शिक्षा विभाग, असम राइफल, खेल विभाग सहित विभिन्न केंद्र व राज्य सरकार की नौकरियों में खेल की बदौलत रोजगार पाए हुए है. इस गांव की बेटियों ने 2015 के नेशनल खेलों में ब्रांज मेडल लिया और इसी वर्ष सुब्रतो कप भी जीता। यहां की 25 बेटियां जूनियर व सीनियर भारतीय टीम में चयनित है। यहां की 10 बेटियां भुवनेश्वर में हो रहे 17 आयु वर्ग के नेशनल खेलों में भाग लेने के लिए गई हुई है. इसके अलावा दो बेटियां चीन के एशियाई खेलों में भी खेल रही है. अलग-अलग समय पर 200 के लगभग बेटियां नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता कर चुकी है.
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उन्होंने कहा कि दो बार सुब्रतो कप जीतने के अलावा तीन बार सुब्रतो कप के सेमीफाइनल तक अलखपुरा की टीम जगह बना चुकी है. वर्ष 2023 में अब 9वीं बार इस प्रतियोगिता में यहां की बेटियां पहुंची है। यहां की बेटी रीतू बगडिय़ा व संजू यादव भारत की टीम में फुटबॉल खिलाड़ी है। उन्होंने बताया कि इन्ही उपलब्धियों के चलते अब उनके गांव को मिनी ब्राजील की संज्ञा दी जाने लगी है। यहां लगभग 200 से अधिक बेटियां प्रतिदिन फुटबॉल की प्रैक्ट्सि करती है। खेल विभाग द्वारा यहां पर तीन खेल नर्सरिया बनाने के साथ ही 75 लड़कियों को खेल डाईट दी जाती है, जिसमें 14 वर्ष से नीचे आयु वर्ग की बेटियों को 1500 रूपये तथा 14 वर्ष से ऊपर की बेटियों को दो हजार रूपये प्रति माह डाईट भत्ता दिया जाता है।
गौरतलब होगा कि मिनी ब्राजील के नाम से विख्यात अलखपुरा देश व दुनिया में जहां फुटबॉल में अपना नाम कमा रहा है, वह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश को आगे बढ़ाते हुए बेटी खिलाओ का संदेश भी देता नजर आ रहा है।
(इनपुट: नवीन शर्मा)