Traffic Advisory: प्रशासन ने ट्रैफिक एडवायजरी जारी की है. पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के कारण यातायात में अवरोध उत्पन्न हो सकता है. गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर के रास्तों पर बैरियर लगाए जाएंगे.
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Farmers Delhi March: एक बार फिर किसान दिल्ली कुछ की तैयारी में हैं. फिलहाल नोएडा के किसान अपनी लंबित मांगों को लेकर सोमवार, 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. किसानों की प्रमुख मांगों में गौतमबुद्ध नगर में भूमि अधिग्रहण पर चार गुना मुआवजा और 10 साल से न बढ़े सर्किल रेट को बढ़ाने की मांग शामिल है. इसके अलावा, किसानों का कहना है कि उन्हें विकसित भूखंड का 10 फीसदी हिस्सा भी दिया जाए. हालांकि प्रशासन ने इन मांगों को मानने से इनकार कर दिया है, और किसानों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है.
इस मुद्दे को लेकर प्रशासन ने ट्रैफिक एडवायजरी जारी की है. पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के कारण यातायात में अवरोध उत्पन्न हो सकता है. गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर के रास्तों पर बैरियर लगाए जाएंगे, और पुलिस द्वारा सघन चेकिंग की जाएगी. इसके परिणामस्वरूप, कुछ मार्गों पर यातायात डायवर्जन किया जाएगा.
ट्रैफिक एडवाइजरी:
किसान नेताओं की मांगें
किसानों का कहना है कि अन्य राज्यों में प्रभावित परियोजनाओं के लिए चार गुना मुआवजा दिया गया, जबकि गौतमबुद्ध नगर को इससे वंचित रखा गया है. इसके अलावा, किसानों का दावा है कि 10 प्रतिशत विकसित भूखंडों का अधिकार उनके लिए जीवन-मरण का सवाल बन चुका है. वे इसे प्राप्त करने के लिए अडिग हैं और सरकार के साथ वार्ता के असफल होने के बाद दिल्ली कूच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे इस बार पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा, "हमारी प्रमुख मांग 10 फीसदी भूखंड है, जो हमें हर हाल में चाहिए." किसान नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे यदि सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती है.
6 दिसंबर को पंजाब-हरियाणा के किसान करेंगे कूच:
इसके अलावा, 6 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा के किसान भी दिल्ली कूच करने का ऐलान कर चुके हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि यह कूच शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन सरकार के साथ लगातार संवाद न होने के कारण किसानों में गुस्सा बढ़ गया है. पंढेर ने कहा कि वे दिल्ली कूच के दौरान विभिन्न जगहों पर रुकेंगे और पूरी तरह से पैदल यात्रा करेंगे. उनका दावा है कि सरकार से कोई बातचीत न होने के कारण किसान अब सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.
किसानों का भविष्य कार्यक्रम
किसान नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन में शामिल होने वाले किसान शांति से दिल्ली कूच करेंगे और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं फैलने देंगे. यदि सरकार ने बातचीत का प्रस्ताव दिया तो इसका स्वागत किया जाएगा, लेकिन यदि उन्हें रोका गया तो वे मजबूती से अपनी मांगों के साथ खड़े रहेंगे. एजेंसी इनपुट