Chhattisgarh News:छत्तीसगढ़ के जशपुर में साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है. अब ठग पुलिस वेबसाइट के जरिए आम लोगों को ठग रहे हैं. जानिए कैसे जनता के साथ फ्रॉड कर रहे हैं आरोपी.
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Jashpur News: छत्तीसगढ़ में अब साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है. अब तक ठग पुलिस अधिकारियों की सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर लोगों से पैसे ठगते थे. कभी लकी ड्रॉ जीतने का लालच देते हैं तो कभी बैंक कस्टमर केयर बन कर लोगों से ठगी करते हैं. अब जब लोग ठगी के इन तरीकों का प्रति जागरूक होते जा रहे हैं, तो ठगों ने अपना तरीका बदल लिया है. जशपुर में ठगों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट के जरिए आम लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है. जानिए कैसे-
जानें पूरा मामला
दो दिन पहले मंगलवार को तपकरा थाना क्षेत्र के लवाकेरा के पास तीन बाइक सवारों को रौंद दिया गया था. ओडिशा की ओर से आ रहे ट्रक ने तीन बाइक सवारों को रौंद था. इस घटना में बाइक सवार रत्थू राम की मौत हो गई थी. मृतक सवार दोकड़ा चौकी क्षेत्र के बिहाबल का निवासी था. रत्थू राम के भाई संदीप राम ने अपने भाई के एक्सीडेंट की रिपोर्ट थाना तपकरा में दर्ज कराई. एक्सीडेंट केस में दर्ज हुई FIR को पुलिस विभाग की वेबसाइट में भी अपलोड किया गया.
FIR कॉपी से निकाला नंबर
इस FIR की कॉपी में मृतक का मोबाइल नंबर भी दर्ज था. FIR अपलोड होने के कुछ देर बाद ठगों ने मृतक के नंबर पर किया. यह वही नंबर था, जिसे FIR में दर्ज कराया गया था. अज्ञात नंबर से कॉल करने वाले ठग ने अपने आपको थाना प्रभारी बताया और 2-3 दिन में एक्सीडेंट का क्लेम 5-6 लाख रुपए लेने की बात कही. फोन करने वाले ठग ने पैसे क्लेम करने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की. 10 हजार रुपए तुरंत ऑनलाईन ट्रांसफर कर देने पर ट्रक मालिक को पकड़ने के लिए स्टॅाफ भेजने की बात भी कही.
परिजनों को हुआ शक
इस कॉल पर मृतक के परिजनों को शक हो गया. इसके बाद परिजनों ने फोन पर पैसे ट्रांसफर करने से पहले पूरी जानकारी थाने के अधिकारियों को दे दी. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने किसी भी अज्ञात व्यक्ति को पैसे न देने की सलाह दी.
जशपुर पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने बताया कि ऑनलाइन FIR में मोबाइल नंबर दर्ज रहता है, जिस के कारण ठगी करने वाली गैंग FIR कॉपी से नंबर निकलकर ठगी करती है. अगर किसी भी आमजन को इस प्रकार से फोन कॉल आए तो वे तत्काल पुलिस को सूचित करें, ताकि पुलिस कार्रवाई कर सके.
पुलिस की वेबसाइट सुरक्षित नहीं
इस घटना के बाद पुलिस की वेबसाइट पर भी सवाल उठ रहे हैं. नागरिक पुलिस के साथ अपनी समस्या और निजी जानकारी साझा करते हैं. अगर पुलिस की वेबसाइट पर जनता का निजी डाटा इतनी आसानी से किसी को भी प्राप्त हो जाएगा. तो आने वाले समय में और अधिक साइबर अपराध देखने को मिल सकते हैं.
ऑनलाइन फ्रॉड से बचें
इन दिन साइबर फ्रॉड के केस बढ़ गए हैं. इनसे बचने के लिए किसी भी अनजान से अपनी निजी जानकारी साझा न करें. कॉल पर कभी बैंक डिटेल्स और OTP शेयर न करें. इसके अलावा कभी भी साइबर ठगी का शक होने पर कंप्लेन जरूर करें.
इनपुट- जशपुर से शिव प्रताप सिंह राजपूत की रिपोर्ट, ZEE मीडिया